Kisan Andolan News: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बोले- MSP को कानून के दायरे में लाने की जरूरत नहीं, अधिकांश किसान समर्थन में

Kisan Andolan News: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बोले- MSP को कानून के दायरे में लाने की जरूरत नहीं, अधिकांश किसान समर्थन में
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गांधीनगर
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला () ने सोमवार को कहा कि देश में ज्यादातर किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से हो रही मांग के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानून के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है। बीजेपी नेता ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों से चर्चा की मेज पर लौटने और गतिरोध का सौहार्दपूर्ण तरीके से हल निकालने का आग्रह किया।

पुरुषोत्तम रुपाला ने यहां गुजरात बीजेपी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा क‍ि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकारी व्यवस्था का हिस्सा है। यह (कृषि उपज की कीमतों में गिरावट से किसानों को बचाने के लिए) व्यवस्था भविष्य में भी लागू रहेगी। उन्होंने कहा क‍ि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जिन्होंने पहली बार डॉ. स्वामीनाथन की सिफारिश के मुताबिक कृषि लागत और उसके ऊपर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी मूल्य निर्धारण के फार्मूले को लागू करने का फैसला किया। मंत्री ने कहा कि न तो एमएसपी के लिए अलग कानून लाने की जरूरत है और न ही कोई प्रावधान को मौजूदा कानून में शामिल करने की आवश्यकता है।

‘एमएसपी को कानून के दायरे में लाने की जरूरत नहीं’
विरोध-प्रदर्शन करने वाले किसानों की मांग पर टिप्पणी करते हुए पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा क‍ि एमएसपी को केंद्र और राज्य, दोनों की ओर से लागू किया जा रहा है। एमएसपी को कानून के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस से पूछा कि जब वर्ष 2014 से पहले पार्टी सत्ता में थी तो उसने एमएसपी के लिए कानून क्यों नहीं बनाया। उन्होंने कहा क‍ि हाल ही में शुरू किए गए कानून एमएसपी को प्रभावित नहीं करते हैं। ये तीन कानून किसानों के हित के लिए पेश किए गए हैं, सरकार के नहीं। उन्होंने कहा क‍ि किसानों की बहुलांश संख्या ने इन कानूनों का स्वागत किया है। मैं आंदोलनकारी किसानों से आग्रह करता हूं कि वे गतिरोध को समाप्त करते हुए सरकार के साथ चर्चा करके कोई सौहार्दपूर्ण समाधान निकालें।

‘किसानों और उनके संगठनों के अनुरोध पर बनाए गए तीन कृषि कानून’
मंत्री ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों और उनके संगठनों के अनुरोध पर बनाए गए थे और उनमें से ज्यादातर किसान इससे खुश हैं। उन्होंने कहा क‍ि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के तहत, केंद्र किसानों के बैंक खातों में 95,000 करोड़ रुपये जमा कर चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इरादों पर संदेह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा क‍ि कानूनों को पहले लागू होने दें। अगर बाद में आपको कुछ समस्या आती है तो सरकार कदम उठाएगी। लेकिन पहले ही कानूनों का विरोध करना अनुचित है।

कांग्रेस पर लगाया झूठा प्रचार करने का आरोप
कानून में ठेका खेती के बारे में रुपाला ने कांग्रेस पर इस तरह का झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया कि इस कानून के प्रावधानों से किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों के हाथों अपनी जमीन खो देंगे। उन्होंने कहा कि कानून खेत में होने वाली उपज, उसकी कीमत, गुणवत्ता को लेकर है। पूरे कानून में जमीन का कोई जिक्र नहीं है। रूपाला ने कहा क‍ि फिर भी, कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ लोग, झूठा प्रचार फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसान अपनी जमीन गंवा बैठेंगे। उन्होंने कहा कि एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समितियों) के बारे में कानून केवल किसानों को एक और विकल्प मुहैय्या कराता है और यह मंडियों की मौजूदा व्यवस्था को समाप्त नहीं करता है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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