पहाड़ी के पीछे जाकर दुश्मन को खत्म कर देगा राफेल का 'हैमर', एक टन है वजन
भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन चुका राफेल लड़ाकू विमान अपने दुश्मनों को तबाह करने के लिए तैयार है। इस लड़ाकू विमान के लिए एयरफोर्स ने जिस खास वेपन सिस्टम HAMMER की मांग की है, उसका फ्लाइट टेस्ट हो चुका है। HAMMER यानी हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज। ये ऐसा हथियार है बिना GPS के भी अपने टारगेट को ढूंढकर खत्म कर सकता है। दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में इस मिसाइल के 1,000 टन वजन वाले वर्शन का राफेल के साथ फ्लाइट टेस्ट किया गया है। अपनी तैनाती पर यह राफेल में लगने वाली दूसरी सबसे भारी मिसाइल होगी। करीब 1,200 किलो वजन वाली SCALP क्रूज मिसाइल भी राफेल से दागी जा सकती है। यह मिसाइल भी भारत आने वाले राफेल विमानों के बेड़े का हिस्सा होगी।
Rafale fighter jet with HAMMER missiles: 1,000 किलो वजनी HAMMER मिसाइल राफेल लड़ाकू विमान पर तैनात होने वाली दूसरी सबसे भारी मिसाइल होगी। फ्रांस में इस मिसाइल के साथ राफेल का फ्लाइट टेस्ट हुआ है।
भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन चुका राफेल लड़ाकू विमान अपने दुश्मनों को तबाह करने के लिए तैयार है। इस लड़ाकू विमान के लिए एयरफोर्स ने जिस खास वेपन सिस्टम HAMMER की मांग की है, उसका फ्लाइट टेस्ट हो चुका है। HAMMER यानी हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज। ये ऐसा हथियार है बिना GPS के भी अपने टारगेट को ढूंढकर खत्म कर सकता है। दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में इस मिसाइल के 1,000 टन वजन वाले वर्शन का राफेल के साथ फ्लाइट टेस्ट किया गया है। अपनी तैनाती पर यह राफेल में लगने वाली दूसरी सबसे भारी मिसाइल होगी। करीब 1,200 किलो वजन वाली SCALP क्रूज मिसाइल भी राफेल से दागी जा सकती है। यह मिसाइल भी भारत आने वाले राफेल विमानों के बेड़े का हिस्सा होगी।
लंबी रेंज, निशाना अचूक और धमाका जबर्दस्त: ये है HAMMER
‘हैमर’ मिसाइल की रेंज 20 किलोमीटर से 70 किलोमीटर तक हो सकती है। यानी लॉन्च एयरक्राफ्ट दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की नजर में नहीं आ पाता। खास बात ये है कि इलाका कैसा भी हो, यह मिसाइल अपना टारगेट ढूंढ लेती है। इसे कम ऊंचाई और पहाड़ी इलाकों में अपना शिकार ढूंढने में महारत हासिल है। इसी वजह से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर इसकी तैनाती का बेसब्री से इंतजार है। यह एक गाइडेड मिसाइल की तरह भी काम करती है और बम की तरह भी। यह एक मॉड्युलर वेपन है मतलब चलाने के लिए खास इंतजाम की जरूरत नहीं। इसे सैटेलाइट गाइडेंस, इन्फ्रारेड सीकर और लेजर के जरिए गाइड किया जा सकता है।
जैसी जरूरत हो, उसी के हिसाब से ढल जाती है ये मिसाइल
HAMMER किट को अलग-अलग साइज के बमों के साथ फिट कर सकते हैं। यह मिसाइल 125 किलो, 250 किलो, 500 किलो और 1,000 किलो के बम छोड़ सकती है। 1,000 किलो वाले जिस वर्शन का फ्लाइट टेस्ट हुआ है, वह बंकर तक को तबाह कर सकता है। यह मिसाइल कंक्रीट की कई मीटर सतह को पार कर सकती है।
राफेल में 6 HAMMER का स्कोप, डेटा लिंक भी
‘हैमर’ को एक साथ कई टारगेट्स पर हमला करने के लिए यूज कर सकते हैं। इसका मेंटेनेंस कॉस्ट भी ज्यादा नहीं है। डेटा लिंक की कैपेबिलिटी भी है और टारगेट पर अटैक करने के लिए जरूरी फ्लेक्सिबिलिटी भी। बात राफेल के साथ इसकी जोड़ी की करें तो जेट में ढाई-ढाई सौ किलो की 6 हैमर मिसाइलें एक साथ तैनात की जा सकती हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स