किसान अड़े, सरकार ने फिर की मनाने की कोशिश, पढ़िए कृषि मंत्री ने क्या क्या कहा

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
किसान नेताओं के सरकार का प्रस्ताव ठुकराने के बाद एक बार फिर उन्हें मनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आंदोलन छोड़ वार्ता का रास्ता अख्तियार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के किसी भी मुद्दे पर यदि किसानों को आपत्ति है तो सरकार उस पर ‘खुले मन’ से चर्चा को तैयार है।

तोमर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि वार्ता की प्रक्रिया के बीच में किसानों द्वारा अगले चरण के आंदोलन की घोषणा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वार्ता के जरिए ही कोई रास्ता निकलेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए उनके सुझावों की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन वे कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं।

‘जो भी मुद्दे हैं, खुले मन से विचार करेंगे’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने विस्तार से पिछले कुछ दिनों में किसान नेताओं के साथ हुई वार्ता के बारे में जानकारी दी। तोमर ने कहा कि किसानों के जो भी मुद्दे हैं उनके बारे में कोई भी प्रावधान करने पर खुले मन से विचार करने के लिये तैयार हैं, ताकि किसानों की शंकाओं को दूर किया जा सके।किसान संगठनों को सरकार के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए, हम आगे और बातचीत के लिये हर समय तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम ठंड के इस मौसम और कोविड- 19 महामारी के बीच किसानों के प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। तोमर ने कहा कि संसद के पिछले सत्र में भारत सरकार तीन कानून लेकर आई थी, इनपर दोनों सदनों में 4 – 4 घंटे चर्चा हुई, ये लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुए, कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश गांव तक पहुंचे, इसके लिए पीएम के मार्गदर्शन में काम हुआ।

किसानों की शंकाओं पर बोले…
कृषि मंत्री ने कहा कि हमने मुद्दों के प्रस्ताव बनाकर उनको भेजा, बैठकों में उनको संतुष्ट करने की कोशिश की। MSP की खरीद पर वो सोचते थे कि वो बंद हो जाएगी, हमने स्पष्ट किया कि MSP खत्म नहीं होगी। हम लिखित आश्वासन देने को भी तैयार थे। बिजली, प्रदूषण के मामलों में भी समाधान को तैयार थे। हमारी पहले भी कोशिश रही है और फिर आग्रह कर रहा हूं कि आप प्रस्तावों पर चर्चा करें, वो जब भी चाहेंगे हम वार्ता को तैयार हैं।

चर्चा चल रही तो आगे आंदोलन की घोषणा ठीक नहीं
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़ना चाहिए और जब चर्चा चल रही है तो आगे के आंदोलन की घोषणा वाजिब नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने प्रस्ताव भेजा है। उस प्रस्ताव पर जो कहना है वह अगले दिन वार्ता में कही जा सकती है। वार्ता टूट जाए तो आंदोलन के आगामी चरण की घोषणा उचित है। अभी भी आग्रह करूंगा अगले चरण के आंदोलन को वापस लेकर वार्ता के माध्यम से रास्ता ढूंढना उचित रहेगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में किसानों या प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को अगर लगता है कि उनकी कोई बात छूट गई है जो चर्चा करनी चाहिए, या फिर कोई आपत्ति है तो सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है।

तोमर ने कहा, ‘सरकार वार्ता के लिए पूरी तरह तत्पर है। जैसे ही उनकी ओर से सूचना आएगी हम वार्ता करेंगे। मुझे आशा है कि रास्ता निकलेगा।’ केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को आत्मनिर्भर बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है और इसके लिए किसानों को और गांव को आत्मनिर्भर बनाना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘जब तक कृषि और गांव दोनों आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे तब तक देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो सपना है पूरा नहीं होगा। इसलिए सरकार द्वारा कोशिश की गई कि गांव और किसान आत्मनिर्भर बनें और समृद्ध बनें। कृषि कानूनों के माध्यम से हमने नये द्वार खोलने की कोशिश की है। इस पर जो किसानों की भ्रांति थी, उस भ्रांति को दूर करने के लिए हमने प्रस्ताव भेजा है। मैं संगठनों से पुनः आग्रह करता हूं जल्दी से वार्ता के लिए तिथि तय करें । सरकार उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है।’

सरकार ने स्पष्ट किया है कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी । तोमर ने दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली जारी रहेगी और कृषि उपज विपणन समितियों के अन्तर्गत मंडियों को समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन कोई भी किसी भी वजह से नहीं ले सकता और खरीदार किसानों की भूमि में कोई बदलाव नहीं कर सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनुबंधकर्ता बिना पूरा भुगतान किये अनुबंध को समाप्त नहीं कर सकेंगे।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.