0.25% वोट और आ जाते तो हैदराबाद में नंबर 1 होती BJP
(GHMC) में महज 0.25 फीसदी मतों ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की किस्मत को बदल दिया। दरअसल, दोनों दलों के बीच ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव के नियंत्रण को लेकर एक जोरदार टक्कर हुई। अब बारीकी से दोनों दलों के वोट शेयर पर गौर करें तो समझ आता है कि यह मुकाबला कितना करीबी रहा। यहां टीआरएस का वोट शेयर 35.81 फीसदी रहा जबकि बीजेपी 35.56 प्रतिशत के साथ ज्यादा पीछे नहीं रही।
इस छोटे से अंतर का असर बहुत बड़ा रहा। जहां टीआरएस के 150 उम्मीदवारों में से 55 ने जीत दर्ज की वहीं इस चुनावी मुकाबले में बीजेपी के 149 उम्मीदवारों में से 48 ने जीत हासिल की। दरअसल, नेरेडमेट का चुनाव परिणाम अभी नहीं आया है। इन सबके इतर के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उम्मीदवारों ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की है।
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किसने कितनी सीटों पर दर्ज की जीत?
इस छोटे से अंतर का असर बहुत बड़ा रहा। जहां टीआरएस के 150 उम्मीदवारों में से 55 ने जीत दर्ज की वहीं इस चुनावी मुकाबले में बीजेपी के 149 उम्मीदवारों में से 48 ने जीत हासिल की। इन सबके इतर असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उम्मीदवारों ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की है।
बीजेपी के वोट शेयर में बड़ा सुधार
इन सबके बीच गौर करने वाला यह है कि बीजेपी के वोट शेयर में बड़ा सुधार हुआ है। यह पिछले 4 से 5 वर्षों में 10.34 फीसदी से 35.56 फीसदी पर पहुंच गया है। उधर, टीआरएस के वोट शेयर 43.85 फीसदी में 8 प्रतिशत की गिरावट हुई है। यह अब इन्हीं 4 से 5 वर्षों में 35.81 फीसदी हो चुका है। रिटर्निंग अफसरों की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक, टीआरएस को कुल 34 लाख वोटों में से 12.04 लाख वोट मिले हैं। बीजेपी को 11.95 लाख मत मिले हैं। टीआरएस और बीजेपी के बीच महज 9 हजार वोटों का अंतर है।
साभार : नवभारत टाइम्स