राजीव गांधी के हत्यारे को मिली 15 दिन की परोल
मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा काट रहे दोषी रविचंद्रन को 15 दिनों की परोल पर रिहाई का आदेश दिया है। हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने सोमवार को दोषी की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
जस्टिस टी. राजा और जस्टिस बी. पुगलेंदी की बेंच ने दोषी को 15 दिनों की परोल की मंजूरी दी, जिसकी अवधि 10 जनवरी से शुरू होगी। कोर्ट ने दोषी की मां विरुधुनगर जिले की रहने वाली पी. राजेश्वरी की तरफ से दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। राजेश्वरी ने बेटे के 28 साल जेल में काट लेने का हवाला देते हुए 30 दिनों की परोल की मांग की थी।
जजों ने परोल दिए जाने के दोषी के पुराने रेकॉर्ड को देखते हुए उसे 15 दिनों की परोल दे दी। दोषी रविचंद्रन को 2001 से अब तक पांच बार परोल दी गई है, जिसमें उसने हर एक बार समय पर सरेंडर कर दिया। इसमें से चार बार हाई कोर्ट के आदेश पर परोल मिली, जबकि एक बार पिता की मौत पर अंतिम संस्कार करने के लिए जेल अधिकारियों की तरफ से।
कोर्ट ने पोंगल त्योहार फैमिली के साथ मनाने के लिए रविचंद्रन को परोल देने का फैसला किया। बता दें कि उसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में निचली अदालत ने मृत्युदंड सुनाया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को श्रीपेरंबदुर में एक मानव बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हुई थी और इस मामले के दोषी पेरारिवेलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट प्यास करीब तीन दशक से जेल में हैं। सितंबर 2018 में तमिलनाडु सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेजा था, जिसके मुताबिक मामले में जेल में बंद दोषियों को रिहा करने की अनुमति मांगी गई थी।