JNU हिंसा में दिल्ली पुलिस को मिले अहम सुराग
ने जेएनयू हिंसा मामले में सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उसे कुछ अहम सुराग मिले हैं। पुलिस अधिकारी ने उन आरोपों को भी खारिज किया है, जिसमें कहा गया थी कि पुलिस कैंपस में देर से पहुंची। पुलिस ने बताया कि हमने मामले में पेशेवर तरीके से कार्रवाई की है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। उधर, हिंसा के खिलाफ यूथ कांग्रेस और कांग्रेस की छात्र इकाई ने इंडिया गेट पर टॉर्चलाइट जुलूस निकाला। आपको बता दें कि रविवार को जेएनयू में मास्क पहने लोगों ने स्टूडेंट्स और टीचर्स पर हमला किया था जो फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस घटना में 20 स्टूडेंट्स घायल हुए थे जिनमें जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट आइशी घोष भी शामिल हैं।
शाम 7.45 बजे यूनिवर्सिटी ने पुलिस को बुलाया
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, ‘जांच में देरी न हो और तथ्य जुटाने के लिए जॉइंट पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में एक कमिटी गठित की गई है । हमें कुछ महत्वपूर्ण क्लू मिले हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि केस जल्द सुलझ जाए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सामान्यतः पुलिस की तैनाती सिर्फ प्रशासनिक ब्लॉक में होती है और झड़प इसके बाहर हुई है। शाम 7.45 बजे जेएनयू प्रशासन की तरफ से हमें अनुरोध मिला, जिसके बाद हम फ्लैग मार्च के लिए यूनिवर्सिटी में घुसे।’
एफआईआर दर्ज, जुटाए जा रहे हिंसा के फुटेज
रंधावा ने आगे बताया, ‘इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच जारी है। फुटेज जुटाए गए हैं। कुल 34 लोग घायल हुए हैं और सभी को एम्स ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गई है।’ उन्होंने कहा, ‘इस केस को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। दिल्ली पुलिस की जॉइंट सीपी वेस्टर्न रेंज, शालिनी सिंह फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की हेड होंगी।’
उधर, यूथ कांग्रेस ने सोमवार शाम में इंडिया गेट पर मशाल जुलूस निकाला है। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से मास्क लगा रखा था। यूथ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रंजन पांडे ने कहा, ‘जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में हुए हमले ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा किया है।
सोनिया का मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जेएनयू परिसर में हुई हिंसा की निंदा करते हुए दावा किया है कि मोदी सरकार विरोध की आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है। भारत के युवाओं पर भयावह एवं अप्रत्याशित ढंग से हिंसा की गई और ऐसे करने वाले गुंडों को सत्तारूढ़ मोदी सरकार की ओर से उकसाया गया है। यह हिंसा निंदनीय और अस्वीकार्य है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे भारत में शैक्षणिक परिसरों और कॉलेजों पर बीजेपी सरकार से सहयोग पाने वाले तत्व एवं पुलिस रोजाना हमले कर रही है। हम इसकी निंदा करते हैं और स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’
वीसी को हटाने की उठी मांग
हिंसा की घटना के बाद वीसी के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। जेएनयूएसयू की प्रेजिडेंट आइशी के बाद जेएनयू टीचर्स असोसिएशन ने भी वीसी के इस्तीफे की मांग की है।असोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नकाबपोशों द्वारा छात्रों और टीचर्स पर किए गए हमले के बाद सोमवार को कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग की।
जेएनयूटीए ने कहा, ‘कुलपति को जाना होगा।’ प्रफेसर सौगत भादुड़ी ने कहा कि टीचर सुचरिता सेन सिर में गंभीर चोट लगने के कारण संवाददाता सम्मेलन में नहीं आ सकीं। भादुड़ी ने कहा, ‘मैं और मेरे तीन सहकर्मी एक बस स्टैंड के पास खड़े थे। अचानक हमने नकाब लगाए 50 लोगों की भीड़ को देखा। पास आने के बाद उन्होंने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और हमें पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे घेर लिया और मेरे हाथ पांव पर मारने लगे।’