यरुशलम फैसला : अमेरिका ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो किया
वाशिंगटन : अमेरिका ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को खारिज करने वाले संयुक्त राष्ट्र के एक मसौदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया है. सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सभी सदस्यों ने प्रावधान का समर्थन किया था.
अमेरिकी राजदूत निक्की हेली द्वारा वीटो किया जाना अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम ले जाने के ट्रंप के फैसले पर वाशिंगटन का अलग थलग पड़ना दिखाता है.
सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में अमेरिका के मित्र देशों-ब्रिटेन, फांस, इटली, जापान और यूक्रेन समेत 14 देशों ने प्रावधान का समर्थन करते हुए जोर दिया कि यरुशलम के दर्जे पर किसी भी फैसले का ‘‘कानूनी प्रभाव नहीं है और यह निष्प्रभावी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ट्रंप के इस निर्णय से किनारा कर लिया है. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति इस फैसले को लेकर अकेले पड़ गए हैं.
इससे पहले ट्रंप के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों ने आपात बैठक करते हुए इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था. बैठक के बाद पांच यूरोपीय देशों ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि यरुशलम का स्टेटस इजराइल और फलस्तीन के बीच वार्ता के बाद तय किया जाना चाहिए.एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि इस विवाद का वास्तविक समाधान यह होगा कि यरुशलम को इजराइल और फलस्तीन दोनों की राजधानी बना दिया जाए.
वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने ट्रंप के कदम का बचाव करते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र जो कर रहा है वो इजराइल के प्रति विरोधभाव है. हेली ने कहा कि सालों से संयुक्त राष्ट्र इजराइल के प्रति विरोधी भाव दिखाता आ रहा है. जानकारों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एक ऐसे प्रस्ताव पर मतदान किया था जो यरुशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को खारिज करने या न करने से संबंधित था.
मिस्र ने इस मुद्दे पर मतदान करवाने का अनुरोध किया था.