बिना दहेज शादी करने वाले होंगे सम्मानित : नीतीश कुमार
बेनीपट्टी (मधुबनी) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाल विवाह व दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप है. इसके खिलाफ सशक्त अभियान चलायेंगे. इसका समाज पर असर पड़ेगा. शराबबंदी के खिलाफ समाज एकजुट हुआ तो इसका व्यापक असर दिख रहा है. इसी प्रकार समाज से बाल विवाह व दहेज प्रथा को दूर करना है.
इसके खिलाफ तो कानून पहले से ही है, इसे एक अभियान के रूप में लेकर समाज से दूर करने के लिए सबको को आगे आना होगा. एक बार फिर हम सब मिलकर 21 जनवरी को दहेज प्रथा व बाल विवाह के खिलाफ मानव शृंखला बनायेंगे. वह शुक्रवार को धकजरी गांव के प्लस टू जगदीश हाईस्कूल में समीक्षा यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे. मौके उन्होंने बिना दहेज के शादी करनेवालों को सम्मानित करने का एलान भी किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह व दहेज प्रथा से हर हाल में मुक्ति चाहिए. उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि सब लोग मन बना लें कि समाज में कोई दहेज लेता है तो उस शादी में कोई भी शरीक नहीं होगा. इससे दहेज लेनेवाला खुद अलग थलग पड़ जायेगा. लोगों में दहेज लेने की प्रवृत्ति स्वत: ही बंद हो जायेगी. कहा कि वह खुद लोगों से यह कह चुके हैं कि वे उसी शादी में शरीक होंगे जिस शादी के कार्ड पर यह लिखा होगा कि शादी बिना दहेज के हो रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार दहेज लेने वालों का विरोध होना चाहिए, उसी प्रकार जो व्यक्ति बिना दहेज के शादी कर रहा है, उसे वे सम्मानित भी करेंगे. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बाल विवाह को भी समाज से दूर करना होगा. बाल विवाह का मूल कारण गरीबी है.
बेटी के मां-बाप गरीबी के कारण चिंता में रहते हैं कि बेटी बड़ी हो जायेगी तो उसकी शादी में अधिक दहेज देना होगा. इस कारण कम उम्र में शादी कर दी जाती है. इससे बेटी कम उम्र में ही गर्भधारण करती है. जन्म लेने वाला बच्चा बौना, विकलांग, मंद बुद्धि जन्म लेता है. इसका समाज पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शराबबंदी के खिलाफ समाज एकजुट हुआ और बिहार का देश के अन्य प्रांतों में ही नहीं दूसरे देशों में भी चर्चा हो रही है, उसी प्रकार से इस अभियान की चर्चा भी दूसरे देशों में होगी. हमारा पूरा समाज इसके खिलाफ एकजुट हो रहा है.
विकास के प्रति संकल्पित है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर क्षेत्र में न्याय के साथ विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है. एक ओर जहां हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, अन्य शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं, उसी प्रकार हर गांव में सड़क, बिजली पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है. बाढ़ में जो भी सड़कें या पुल-पुलिया टूटे हैं, उन्हें बनाया जा रहा है. दोबारा बनायेंगे. यह सब होता रहेगा.