वंचित वर्गों के आरक्षण में हो बढ़ोतरी, बने आयोग : यशवंत सिन्हा

वंचित वर्गों के आरक्षण में हो बढ़ोतरी, बने आयोग : यशवंत सिन्हा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

पटना : पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने समाज के वंचित वर्गों के आरक्षण में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार से एक आयोग गठन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि समय के साथ जनसंख्या के आधार पर आरक्षण में बढ़ोतरी होनी चाहिए. सिन्हा शुक्रवार को वंचित वर्ग मोर्चा की ओर से ‘वंचित वर्गों के आर्थिक, सामाजिक व रोजगार की वर्तमान स्थिति’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे.

एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि वंचित वर्गों को सही से आरक्षण मिले. मंडल कमिशन बने अरसा बीत चुका है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि 50 प्रतिशत आरक्षण हो. राज्यों में वंचित वर्ग की संख्या आधी से ज्यादा है. क्यों नहीं 40, 45 या फिर 60 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है. अगर संविधान में दिया गया हक और सम्मान नहीं मिला तो हॉल से बाहर निकल कर सड़क पर उतरना होगा और आंदोलन करना होगा.

यशवंत सिन्हा ने वंचित वर्ग मोर्चा से श्वेत पत्र जारी करनी की अपील की है. उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए उदय नारायण चौधरी को देश स्तर पर नेतृत्व करना चाहिए. छात्रवृत्ति की जगह जो ऋण दिया जा रहा है, यह अजीब बात है.

आउटसोर्सिंग में बहाली का प्रावधान 1993 से ही था. इसे लागू कर बिना मतलब के क्रेडिट लिया जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की बात कर रहे हैं. वे विधानसभा में कानून पारित करवाकर उसे केंद्र तो भेंजे, तब पता चलेगा कि सरकार गंभीर है. समारोह में वंचित जमात के आयोजक पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, शिक्षाविद डाॅ सचींद्र नारायण आदि शामिल हुए.

…तो मैं बागी हूं: चौधरी : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वंचित वर्ग मोर्चा के संयोजक उदय नारायण चौधरी ने कहा कि वे वंचित वर्ग के लिए आवाज उठाते हैं तो लोग कहते हैं कि बगावत कर रहे हैं.

अगर सच कहना बगावत है तो वे बागी हैं. राज्य सरकार छात्रवृत्ति बंद कर क्रेडिट कार्ड के जरिये लोन दे रही है. यह छात्रों के हक का हनन है. नौकरी में मेरिट पर आने के बाद चाहे वह किसी भी कोटि का हो उसे सामान्य कोटि में स्थान मिलता था, लेकिन अब जिस कोटि में है उसी में वह रह सकेगा. यह गलत फैसला है. उन्होंने कहा कि राम अौर सीता के स्वागत में लाखों खर्च होता है. एक इंसान से ज्यादा मिट्टी के भगवान की कीमत है. राज्य सरकार ने गरीबों को पांच डिसमिल जमीन देने का संकल्प लिया है, लेकिन नहीं मिल रहा है.

जयंत के साथ जय शाह की भी होनी चाहिए जांच
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पैराडाइज पेपर मामले में कहा कि अगर जयंत सिन्हा के खिलाफ जांच हो तो जय शाह के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. केंद्र सरकार से उनका आग्रह है कि जिन राजनेताओं के नाम पैराडाइज पेपर में आये हैं, उसकी पहले जांच हो और 15 दिन या एक महीना के भीतर सरकार ये बताये कि जिन राजनेताओं के नाम आये हैं वो दोषी हैं या नहीं.

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.