रायबरेली हादसा : विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हुई
रायबरेली/लखनऊ : रायबरेली जिले में ऊंचाहार स्थित राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयंत्र में बायलर फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गयी है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने यह जानकारी दी. इधर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डी के सिंह ने बताया कि ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी के 500 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र का बॉयलर बुधवार शाम फट जाने से अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. हादसे में घायल 63 लोगों का जिला अस्पताल तथा लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज किया जा रहा है. राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम अब भी दुर्घटनास्थल पर खोजबीन कर रही है. माना जा रहा है कि मलबे में अभी कुछ और शव दबे हो सकते हैं.
एनटीपीसी ने मृतकों के परिजन को 20-20 लाख, गम्भीर रुप से घायलों को 10-10 लाख तथा मामूली रुप से घायल लोगों को दो-दो लाख रुपये की सहायता का एलान किया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है.
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आज नोटिस जारी करके छह सप्ताह में जवाब मांगा. आयोग ने रायबरेली के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी के बिजली संयंत्र का बायलर फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत की मीडिया रपटों का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव के जरिये राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उंचाहार हादसे पर शोक जताया है. राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया है, रायबरेली पावरप्लांट के हादसे से गहरा दुख हुआ है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं. सरकार घायलों की सहायता कर रही हैराष्ट्रपति कोविन्द. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां एनटीपीसी चिकित्सालय समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हादसे के घायलों का हाल लिया. कुछ लोगों द्वारा यह बताने पर कि इस संयंत्र को तीन साल में शुरू होना था, मगर इसे अधूरी तैयारी के साथ ढाई साल के अंदर ही शुरु कर दिया गया.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, हम जांच की मांग करेंगे. ये लोग कह रहे हैं कि इसको (संयंत्र) जल्दी चला दिया….चलाना नहीं चाहिये था. सपा के वरिष्ठ नेता अहमद हसन ने लखनऊ में भर्ती घायलों का हाल लेने के बाद इसे बेहद दुखद घटना करार दिया. उन्होंने मांग की कि इस गम्भीर घटना की जांच उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से करायी जाए. साथ ही हर मृतक परिवार को 50-50 लाख रुपये, घायलों को 10-10 लाख तथा सरकारी नौकरी दी जाए.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके प्रभावित परिवारों को बेहतर मुआवजा और सरकारी नौकरी तथा घायलों को हर सम्भव मदद की मांग की. साथ ही कहा, श्रमिकों की मांग है कि लापरवाही की वजह से हुई इस दुर्घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिये और दोषियों को कडी सजा मिलनी चाहिये. हालांकि, राहुल के साथ रायबरेली पहुंचे कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट कहा कि दुर्घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिये.