गंगा के दोनों किनारों पर जैविक कॉरीडोर जल्द
पटना : अक्तूबर के अंत से गंगा के दोनों किनारों पर जैविक कॉरीडोर की शुरुआत कर दी जायेगी. जैविक कॉरीडोर बक्सर से भागलपुर तक गंगा के दोनों किनारों पर बनना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर अपनी सहमति दे दी है. शनिवार को कृषि रोड मैप को लेकर आयोजित प्रेजेंटेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में मखाना, पटना में परवल, नालंदा में मगही पान के विकास के लिए योजना बनाने, पपीता, चिनिया केला व अमरूद के किस्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ बिहार राज्य बीज निगम को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया. साथ ही नालंदा के चंडी स्थित सब्जी के सेंटर ऑफ एक्सेलेंस को नूरसराय के उद्यान महाविद्यालय से और वैशाली के देसरी में फल के सेंटर ऑफ एक्सेलेंस को नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संबद्ध करने का भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कोसी प्रमंडल में मूंग बहुत ज्यादा होती है. इसे प्राथमिकता देते हुए कोसी प्रमंडल में ही मूंग के बीज का उत्पादन किया जाये. राज्य में सभी फसलों की 15 लाख क्विंटल बीज की हर साल जरूरत होती है, लेकिन फिलहाल पांच लाख क्विंटल बीज का ही उत्पादन हो पा रहा है. उन्होंने कृषि विभाग को राज्य बीज निगम को सुदृढ़ करते हुए बीज प्रोसेसिंग यूनिट को विकसित करने का भी निर्देश दिया. साथ ही बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने को भी कहा, ताकि किसान खुद राज्य बीज निगम से बीज खरीद सकें. इसके लिए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से भी सेवा लेने की सलाह दी.
नीतीश कुमार ने कहा कि आकस्मिक फसल योजना के लिए बीज बैंक की स्थापना में ऐसे स्टोरेज की व्यवस्था की जाये, जिसमें तापमान व आर्द्रता (टेंपरेचर व ह्यूमिडिटी) को नियंत्रित किया जा सके, ताकि बीज को दो सालों के लिए सुरक्षित किया जा सके. साथ ही खगड़िया को बीज हब की स्थापना में मक्का बीज उत्पादन में शामिल करने का भी निर्देश दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता और गंगा के दोनों किनारों पर जैविक कॉरीडोर निर्माण के साथ-साथ सिवरेज की पानी का सिंचाई में इस्तेमाल किया जाये. इसके लिए उन्होंने नगर विकास व आवास विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग को आपस में समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया है.