लंदन हमले के सिलसिले में एक गिरफ्तार
लंदन: लंदन के ट्यूब ट्रेन पर हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में 18 वर्षीय एक व्यक्ति को शनिवार (16 सितंबर) को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इसे जांच में ‘महत्वपूर्ण’ घटनाक्रम बताया है. केंट पुलिस ने बताया कि उस व्यक्ति को ब्रिटेन के आतंकवाद रोधी कानून की धारी 41 के तहत डोवर के पोर्ट इलाके से गिरफ्तार किया गया. उसे स्थानीय थाने में ले जाया गया और उसके बाद साऊथ लंदन थाने में स्थानांतरित किया गया. अभी उसकी पहचान और राष्ट्रीयता का खुलासा नहीं किया गया है. इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
मेट्रोपोलिटन पुलिस के उप सहायक आयुक्त नील बसु ने कहा, ‘हमने अपनी जांच के सिलसिले में आज (शनिवार, 16 सितंबर) सुबह महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है. यद्यपि हम जांच में हुई प्रगति से खुश हैं, तब भी यह जांच जारी है और खतरे का स्तर गंभीर बना हुआ है.’ पार्सन्स ग्रीन भूमिगत स्टेशन में एक ट्यूब ट्रेन में शुक्रवार (15 सितंबर) सुबह के व्यस्त समय के दौरान आईईडी विस्फोट के जरिये किये गए हमले में कम से कम 30 लोग घायल हो गए थे.
बसु ने संकेत दिया कि बल अभी अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रहा है. बसु ब्रिटेन के आतंकवाद निरोधक पुलिसिंग के लिये वरिष्ठ राष्ट्रीय समन्वयक भी हैं. उन्होंने कहा, ‘इस गिरफ्तारी से हमारे अधिकारियों की ओर से और गतिविधियां होंगी. ठोस जांच कारणों की वजह से हम फिलहाल गिरफ्तार व्यक्ति के बारे में अधिक ब्योरा नहीं देंगे.’
बसु ने कहा, ‘लोगों को सतर्क रहना चाहिये क्योंकि हमारे कर्मचारी, अधिकारी और साथी इस जटिल जांच को जारी रखे हुए हैं. हम इस मौके पर अपना सुरक्षात्मक उपाय नहीं बदल रहे हैं .’ ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री बेन वैलेस ने शनिवार तड़के कहा, ‘संभवत: कोई बेहद खतरनाक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जिसका हमें पता लगाने की आवश्यकता है.’
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपनी समाचार न्यूज एजेंसी अमाक पर शुक्रवार (15 सितंबर) की सुबह 8.20 बजे हुए इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली. इस्लामिक स्टेट ने विंबलडन से ईस्ट्बाउन्ड डिस्ट्रिक्ट लाइन ट्रेन की गाड़ी के जरिए दक्षिण पश्चिम लंदन में स्थित पार्सन्स ग्रीन स्टेशन पर विस्फोटक भेजा.
मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि अब तक जासूसों ने 45 गवाहों से बातचीत की है और गोपनीय आतंकवाद रोधी हॉटलाइन पर सूचना मिलनी जारी है. मेट्रोपोलिटन पुलिस के सहायक आयुक्त मार्क राउले ने कहा कि आईएसआईएस के लिये हमले का दावा करना बेहद सामान्य है, भले ही उसमें वह शामिल हो या नहीं.
ब्रिटेन में खतरे के स्तर में बदलाव की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि सेना पुलिस को मदद प्रदान करेगी और जिन राष्ट्रीय आधारभूत ढांचा स्थलों तक आम लोगों की पहुंच नहीं है उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की जगह लेगी. यह ‘ऑपरेशन टेंपरर’ का पहला चरण है जो आतंकवादी हमले का खतरा अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने पर सक्रिय होता है.
व्यवस्था को 2006 में सार्वजनिक किये जाने के बाद यह चौथा मौका है जब राष्ट्रीय आतंकवादी खतरे के स्तर को बढ़ाकर ‘गंभीर’ कर दिया गया है . पिछली बार गत मई में मैनचेस्टर एरेना बमबारी के बाद खतरे का स्तर बढ़ाया गया था. तब आशंका थी कि हमलावर फरार है और फिर हमला कर सकता है. स्वतंत्र संयुक्त आतंकवाद आकलन केंद्र द्वारा खतरे का स्तर बढ़ाकर ‘गंभीर’करने की सिफारिश किये जाने के बाद मे ने कल रात यह फैसला किया. खतरे का स्तर गंभीर किये जाने का मतलब है कि एक और हमले की आशंका है.