पाकिस्तान: पहले नोबेल विजेता के चचेरे भाई की गोली मारकर हत्या
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के ननकाना साहिब शहर में गुरुवार सुबह अहमदिया समुदाय के एक प्रमुख नेता व नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुस सलाम के रिश्तेदार को गोलियों से भून दिया गया। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जमात-ए-अहमदिया के नेता और वकील मलिक सलीम लतीफ अपने वकील बेटे फरहान के साथ बाइक पर अदालत जा रहे थे, तभी हमलावरों ने उन पर गोली चलाई। इसमें लतीफ की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी ने ली है। अहमदिया समुदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने इस बात की जानकारी दी।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई गई है। इस हत्या से अहमदिया समुदाय में आक्रोश फैल गया है। समुदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने कहा कि लतीफ की हत्या उनके धार्मिक विश्वास की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि यह घटना बताती है कि आतंक के खिलाफ जारी सैन्य अभियान ‘जर्ब-ए-अजब’ और ‘रद्दुल फसाद’ को जिस तरह से क्रियान्वित करना चाहिए, उस तरह से नहीं किया जा रहा है।
सलीमुद्दीन ने कहा, “अहमदिया समुदाय के खिलाफ 2016 में स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्र में करीब 1,700 विज्ञापन प्रकाशित कराए गए।” उन्होंने कहा, “नफरत फैलाने वालों पर लगाम नहीं लगाई जाती और यदि हालात इसी तरह से बने रहते हैं तो फिर अहमदियों की हत्या भी जारी रहेगी।” अखबार के मुताबिक, सलीमुद्दीन ने कहा कि उनका समुदाय देश में भेदभावपूर्ण कानून का सामना कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नफरत फैलाने वालों को सरकार का समर्थन मिला हुआ है।
सलीमुद्दीन ने कहा, ‘इस इलाके में अहमदिया समुदाय के लोगों को धमकियां मिलना सामान्य बात है। लतीफ हमारे समुदाय के बड़े नेता थे और चर्चित वकील थे।’ 1974 में सरकार की ओर से अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम ठहराए जाने के बाद से ही वे उपद्रवियों के निशाने पर हैं और लगातार हमलों का शिकार होते रहे हैं।