‘तीन तलाक’ का विरोध आधारहीन : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मुद्दे पर अपना जवाब दर्ज कराया। मुस्लिम बोर्ड ने कहा कि उनके खिलाफ तीन तलाक के मुद्दे पर दाखिल की गई याचिका आधारहीन है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी। मुस्लिम बोर्ड की तरफ से इस मामले में नया कदम उस वक्त उठाया है जब पहले से ही तीन तलाक के मुद्दे पर कई याचिकाएं सुनवाई के लिए लंबित पड़ी हैं। मुस्लिम लॉ बोर्ड यह कहते हुए इस मामले का पक्ष लेता रहा कि ‘बीवी की हत्या करने से बेहतर है उसे तलाक दे देना’ चाहिए।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बहुत सी मुस्लिम महिलाएं ‘तीन तलाक’ प्रथा की पीड़ित रही हैं। उन्हें उनके पतियों ने तलाक दिया और उन्हें बेघर होना पड़ा है। समाज में तलाक की इस प्रथा की चौतरफा आलोचना हो रही है। पिछले कुछ महीनों में बहुत सी पीड़ित मुस्लिम महिलाओं ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ‘तीन तलाक’ की प्रथा को खत्म करने की गुहार की है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 2016 में एक महिला शाखा बनाकर संप्रदाय की महिलाओं से रायशुमारी कराई थी। तब मुस्लिम बोर्ड ने तीन तलाक के पक्ष में प्रस्ताव पास किया था। यह प्रस्ताव तीन दिन के सम्मेलन के बाद पास किया जा सका था। और उस मौके पर मुस्लिम बोर्ड ने कहा था कि सरकार मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों की अवहेलना कर रही है।