आशीष हत्याकांड. मुख्यमंत्री ने धनबाद एसएसपी से कहा, किसने की हत्या ?
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद के आशीष हत्याकांड का एक सप्ताह में खुलासा नहीं करने पर धनसार के थानेदार को निलंबित करने का आदेश वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे को दिया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीएम ने कहा कि एसएसपी इस केस की स्वयं मॉनीटरिंग करें. इसमें शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए.
छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. थानेदार केवल कुरसी तोड़ने के लिए नहीं बैठे हैं. मुख्यमंत्री मंगलवार को सूचना भवन सभागार में सीधी बात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज शिकायतों पर सुनवाई कर रहे थे. मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार और सचिव सुनील कुमार वर्णवाल भी मौजूद थे.
हत्या हो जाती है और छह महीने में कुछ नहीं होता है : धनसार थानांतर्गत महावीर नगर (भूदा) निवासी आशा देवी का 18 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार मुंडा 13 जुलाई 2016 को लापता हो गया था. खोजबीन के बाद 17 जुलाई को झाड़ी में उसका शव मिला था. आशा देवी ने संदिग्ध दोस्तों की जानकारी पुलिस को दी थी, लेकिन छह माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. सीएम ने मामले में धनबाद के एसएसपी से जानकारी तलब की. एसएसपी ने मामले की पृष्ठभूमि बताना शुरू किया तो मुख्यमंत्री नाराज हो गये. बोले-हमें इतिहास नहीं, कार्रवाई बताओ. हत्या हो जाती है और छह महीने में कुछ नहीं होता. एसएसपी का कहना था कि मामला मर्डर का है और कोई ठोस सबूत पुलिस के पास नहीं है. उन्होंने शक के आधार पर कुछ लोगों के नाम दिये थे, पर बिना साक्ष्य के उन्हें गिरफ्तार करना उचित नहीं लगा.
सीएम ने कहा : निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया यह अच्छी बात है. लेकिन क्राइम तो हुआ है. क्या करता है आपका डीएसपी? क्या करता है थानेदार? किसने की हत्या? बताओ. कब तक होगा शॉर्ट आउट. एसएसपी ने एक हफ्ते का समय मांगा. मामले में किसी विजय सिंह का नाम आने पर सीएम ने एसएसपी से कहा कि उस चैप्टर को छोड़ो. हत्या किसने की है उस पर फोकस करो.
मृतक की मां ने कहा- अगर मैं गुनहगार तो सजा क्यों नहीं देते : धनबाद के एसएसपी द्वारा मामले में पारिवारिक पृष्ठभूमि बताये जाने के दौरान आशा देवी मुख्यमंत्री के समक्ष फफक-फफक कर रोने लगीं. उन्होंने रोते हुए कहा कि अगर बेटे का गुनहगार वही हैं, तो पुलिस उन्हें सजा क्यों नहीं दे देती है? अगर मुझे बच्चे को मारना होता तो चार साल की उम्र में ही नहीं मार देती. उसे पाल-पोस कर इतना बड़ा करती…अकेले. सर… आप लोगों ने कितनी आसानी से बोल दिया कि हत्या हमने करवायी है. किसी भी महिला के बारे में ऐसी बात मत कहिए सर. उसका रुदन जारी रहा.