देश का पहला हेलीपोर्ट दिल्ली में शुरू
इस दौरान उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल, केंद्रीय नागर उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, सांसद डॉ. उदित राज, पवन हंस के चेयरमैन बी शर्मा आदि भी मौजूद थे। शुभारंभ के अवसर पर क्राइ संस्था के बच्चों को हेलीकॉप्टर से निशुल्क यात्रा कराई गई।
गजपति राजू ने कहा कि अप्रैल से आम लोगों के लिए दिल्ली दर्शन योजना के तहत उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इसके लिए दो जोन निर्धारित किए गए हैं। एक जोन में उड़ान की अवधि 10 से 12 मिनट की होगी और दूसरे जोन में इसकी अवधि 18 से 20 मिनट की होगी। इसके लिए न्यूनतम किराया प्रति व्यक्ति 2499 रुपये रखा गया है। इस हेलीकॉप्टर सेवा के विस्तार होने के बाद आने वाले समय में इसे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट से भी सीधे जोड़ दिया जाएगा। राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान जो हेलीपोर्ट दिल्ली भर में बनाए गए थे, उन्हें भी इससे जोड़ा जाएगा।
वहीं, राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि 25 एकड़ पर करीब 100 करोड़ की लागत से दो वर्ष में बने इस हेलीपोर्ट में 150 यात्रियों की क्षमता वाली एक टर्मिनल बि¨ल्डग और चार हैंगर हैं, जिसमें 16 हेलीकॉप्टर को पार्क करने की क्षमता है यहां नौ पार्किग-वे भी हैं। यहां के हेलीकॉप्टर 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले उन इलाकों से मरीजों को लाएंगे, जहां सड़कें और रेल मार्ग नहीं हैं। हेलीकॉप्टर को अधिकतम 1000 फीट ऊंचाई तक उड़ान भरने की अनुमति दी गई है।
ऐसे में उत्तरांचल, हिमाचल एवं जम्मू कश्मीर में पवन हंस के करीब दो दर्जन हेलीपैड भी रोहिणी के इस हेलीपोर्ट से जुड़ जाएंगे। निकट भविष्य में यहां से माता वैष्णो देवी के लिए उड़ान भरी जाएगी। सरकार की मंशा इसे सेवा को लोकप्रिय बनाने की है, जिसके लिए किराये में सब्सिडी भी दी जाएगी। वहीं, सांसद उदित राज ने उम्मीद जताई कि मेट्रो के विस्तार और हाइवे के बनने से हेलीपोर्ट योजना तेजी से लोकप्रिय होगी। भविष्य में इसका इस्तेमाल पायलट ट्रे¨नग के लिए भी किया जा सकता है। इससे उत्तर-पश्चिम संसदीय क्षेत्र में तेजी से विकास होगा।
प्रमुख महानगरों में भी बनेंगे हेलीपोर्ट
जयंत ¨सहा ने बताया कि जयपुर, आगरा, कानपुर, लखनऊ, अमृतसर, पटना, रांची, अलीगढ़, मेरठ, बनारस, चंडीगढ़, अजमेर, लुधियाना, भ¨ठडा आदि प्रमुख महानगरों में भी हेलीपोर्ट बनाने की योजना है। हालांकि, उससे पहले इन शहरों को रोहिणी के इस हेलीपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए उन शहरों में उपलब्ध निजी या सरकारी हेलीपैड का इस्तेमाल किया जाएगा।