टूल किट मामले में पहली गिरफ्तारी, जानें कौन हैं ऐक्टिविस्ट दिशा रवि

टूल किट मामले में पहली गिरफ्तारी, जानें कौन हैं ऐक्टिविस्ट दिशा रवि
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नई दिल्ली
किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि 21 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया। अदालत ने दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने अदालत को बताया कि दो और आरोपी इस मामले में गिरफ़्तार किये जाने हैं। दिशा पर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की तरफ से शेयर की गई टूलकिट को एडिट करने और उसे फॉरवर्ड करने का आरोप है। आइए जानते हैं कि कौन हैं दिशा रवि…

फ्राइडे फॉर फ्यूचर की को फाउंडर है
दिशा रवि बेंगलुरू के माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट है। दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया की को-फाउंडर भी है। फ्राइडे फॉर फ्यूचर एक इंटरनेशनल मूवमेंट है जिसमें स्कूली छात्र शुक्रवार को क्लास मिस कर क्लाइमेट चेंज को लेकर प्रदर्शन में शामिल होते हैं। इस प्रदर्शन के जरिये राजनेताओं से पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर कदम उठाने की मांग की जाती है। साल 2018 में युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के स्वीडन के पार्लियामेंट के बाहर प्रदर्शन के बाद इसे काफी लोकप्रियता मिली।

एथलेक्टिस ट्रेनर हैं पिता
दिशा के पिता मैसुरू में रहकर एथलेटिक्स की ट्रेनिंग देते हैं। दिशा की मां हाउस वाइफ हैं। दिशा खुद बंगलुरू की कंपनी गुड मिल्क में कलीनरी एक्सपीरियंस मैनजर के रूप में काम करती हैं। दिल्ली पुलिस की टीम ने दिशा को उनके घर से गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें दिल्ली लाकर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया।

बंगलुरू पुलिस ने कहा- पिछला कोई रिकॉर्ड नहीं
बंगलुरू के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (नॉर्थ डिविजन) धर्मेंद्र कुमार मीना ने कहा कि हमें पहले किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन में दिशा के खुद शामिल होने को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं मिले हैं। इस गिरफ्तारी से पहले वह पुलिस के राडार पर भी नहीं थीं। डीसीपी ने कहा कि औपचारिकता के रूप में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में सहयोग कर रहे थे।

पुलिस ने गूगल व अन्य कंपनियों से मांगी थी जानकारी
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था। जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर साझा की थी। ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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