'80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने सिगरेट-बीड़ी को माना खतरनाक, बने कठोर कानून'

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नई दिल्ली
एक हालिया सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि देश की 80 प्रतिशत आबादी का मानना है कि सिगरेट, बीड़ी, चबाने वाले तंबाकू सहित अन्य तंबाकू उत्पादों से भारी नुकसान है और इस समस्या से निपटने के लिये 88 प्रतिशत लोग मौजूदा तंबाकू नियंत्रण कानून को और कठोर बनाने के पक्ष में हैं।

सरकार को जनता से जुडे अहम मुद्दों पर सलाह देने वाली गैर सरकारी संस्था ‘कंज्यूमर वॉयस’ ने फोन पर 10 राज्यों के 1,476 वयस्कों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया। कंम्यूटर की मदद से किए गए टेलीफोन के जरिये साक्षात्कार सहित अन्य तरीकों का उपयोग कर 10 भाषाओं हिन्दी, गुजराती, पंजाबी, ओडिया, मराठी, तमिल, बांग्ला, तेलगू, मलयालम और कन्नड़ में यह सर्वेक्षण किया गया।

कंज्यूमर वॉयस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आशिम सान्याल ने बताया, ‘वर्तमान तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत बनाने के पक्ष में लोगों का अभूतपूर्व समर्थन बहुत उत्साहित करने वाला है। भारत सरकार ने तंबाकू नियंत्रण कानून सीओटपीए, 2003 को संशोधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम है।’

सान्याल ने कहा, ‘यह सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित करने, बिक्री की जगह पर तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन करने, खुदरा सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और कानून के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने पर विचार कर रहा है।’ मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन हरित चतुर्वेदी ने कहा कि रेस्तरां, होटल और हवाई अड्डों पर स्मोकिंग जोन खत्म करने सहित, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने, चबाने वाले तंबाकू पर प्रतिबंध लगाने और तंबाकू उत्पादों की बिक्री के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने का 80 प्रतिशत और उससे ज्यादा लोगों ने समर्थन किया।

चतुर्वेदी ने कहा कि तंबाकू संबंधी कानून का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना बढ़ाने और सिगरेट तथा बीड़ी की खुदरा बिक्री पर रोक लगाने को भी लोगों का अपार समर्थन मिला है। दुनिया भर में तंबाकू के कारण ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनसे बचा जा सकता है और यह लोगों में समयपूर्व मौत का कारण भी बन रहा है। स्थिति यह है कि भारत में ही हर साल तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियों से 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में सभी तबकों और लिंगों के लोगों को मिलाकर 26 करोड़ से ज्यादा लोग तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं। तंबाकू उत्पादों से हर साल 177,341 करोड़ रुपये प्राप्त होत हैं जो भारत सरकार के सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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