CPEC में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को मजबूर इमरान, फ्रंटियर कॉर्प्स के 40 अधिकारी सस्पेंड
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आखिरकार चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर () में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को मजबूर हो गए हैं। उनके आदेश के बाद पाकिस्तानी अर्धसैनिक बलों के चालीस अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इन सभी अधिकारियों की तैनाती बलूचिस्तान सूबे में थी। इसके अलावा 20 अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है।
40 सैन्य अधिकारी सस्पेंड, 20 के खिलाफ जांच
रिपोर्ट के अनुसार, मकरान डिवीजन में तैनात फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) दक्षिण बलूचिस्तान के चालीस कर्मियों को उनके खिलाफ वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप साबित होने के बाद निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 20 अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है। इन सभी अधिकारियों पर चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे () परियोजना में गबन का आरोप है।
इस्पेक्टर जनरल की जांच में दोषी पाए गए अधिकारी
दक्षिण बलूचिस्तान के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फ्रंटियर कॉर्प्स (IGFC) मेजर जनरल सरफराज ने सीपीईसी परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार और लूटपाट की खबरों के बाद जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि दक्षिण बलूचिस्तान के किच, ग्वादर और पंजगुर जिले में तैनात 40 से ज्यादा अधिकारी नियमित रूप से वित्तीय भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
पहले ही आरोपी अधिकारी करा चुके हैं अपना ट्रांसफर
बताया जा रहा है कि इन 40 सैन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रस्तुत सबूत और दस्तावेज सही साबित होने के बाद उन्हें पदों से निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, कई आरोपी अधिकारियों ने इंस्पेक्टर जनरल की जांच शुरू होते ही अपने प्रभावों का इस्तेमाल कर खुद का दूसरे शहरों में ट्रांसफर करवा लिया था।
दक्षिणी बलूचिस्तान की सुरक्षा के लिए बनाई गई स्पेशल फोर्स
चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लागत वाली परियोजना है। पाकिस्तान ने परियोजना की शुरुआत से बलूचिस्तान के दक्षिणी हिस्से में अपनी सैन्य घेराबंदी को मजबूत करना शुरू कर दिया था। उस समय इस इलाके में तैनात फ्रंटियर कॉर्प्स को दक्षिण फ्रंटियर कॉर्प्स का नया नाम दिया गया था। यहीं स्थित शहर तुर्बुत को दक्षिण फ्रंटियर कॉर्प्स का मुख्यालय बनाया गया।
स्पेशल फोर्स बनाने के बावजूद नहीं रुके हमले
60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लागत वाले इस परियोजना की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान ने एक स्पेशल फोर्स का गठन किया है, जिसमें 13700 स्पेशल कमांडो शामिल हैं। इसके बावजूद इस परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जून में कराची के स्टॉक एक्सचेंज पर हुए हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी की माजिद ब्रिग्रेड ने ली थी।