ट्रंप या बाइडेन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में आखिर किसकी जीत देखना चाहता है पाकिस्तान?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 की मतगणना जोरों पर है। रिपब्लिकन उम्मीदवार और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। अभी तक की मतगणना में किसी भी उम्मीदवार को 270 का जादुई आंकड़ा नहीं मिल सका है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। लगभग सभी देश अपने नफा और नुकसान के हिसाब से ट्रंप या बाइडेन की जीत देखना चाहते हैं।
बाइडेन की जीत देखना चाहता है पाकिस्तान!
पाकिस्तान भी चाहता है कि इस बार के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीत न मिले। क्योंकि, उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी खराब हुए हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल के आखिरी दिनों में अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध उतने खराब नहीं थे, जितने अभी हैं। ट्रंप सीधे तौर पर आतंकवाद को लेकर कई बार पाकिस्तान का नाम ले चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान नहीं चाहता है कि वे दोबारा चुनाव जीतें।
पाकिस्तान को संबंध में बेहतरी की है आशा
पाकिस्तान के विदेश नीति पर नजर रखने वाले जानकारों के अनुसार, 20 जनवरी, 2021 को अगर जो बाइडेन वाइट हाउस में शपथ लेते हैं तो यह पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर होगी। जो बाइडेन अपनी विदेश नीति में पाकिस्तान के साथ संबंधों को नया आयाम दे सकते हैं। ऐसे में आशा जताई जा रही है कि बाइडेन के कार्यकाल में पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध आज की तुलना में अच्छे होंगे।
पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने कहा कि- बाइडेन करेंगे हमारी मदद
पाकिस्तानी सेना के रिटॉयर्ड लेफ्टिनेंट जनरल और राजनीतिक-सैन्य मामलों के एक वरिष्ठ विश्लेषक तलत मसूद ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध एकदम से सही हो जाएंगे। हमें इस उम्मीद में तो बिलकुल ही नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाइडेन सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गरिमा को बहाल करेंगे। इससे पाकिस्तान को मदद मिलेगी।
ट्रंप जीते तो मुस्लिम देशों के खिलाफ लेंगे एक्शन!
एक अन्य पाकिस्तानी विश्लेषक ने कहा कि अगर ट्रंप दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं तो उनमें और अधिक आत्मविश्वास आ सकता है। जिससे वे पाकिस्तान सहित मुस्लिम-बहुल राष्ट्रों के खिलाफ अधिक कड़े कदम उठा सकते हैं। ट्रंप पहले भी मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों को लेकर कई कानून बना चुके हैं।
कोई जीते नहीं पड़ेगा फर्क
वाशिंगटन में वुडरो विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया कार्यक्रम के उप निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा कि ट्रंप और बाइडेन दोनों पाकिस्तान और दक्षिण एशिया को लेकर एक ही विचार रखते हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि हमें दक्षिण एशिया में चुनाव के बाद ज्यादा परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप वैश्विक परिणामों की परवाह किए बिना हर कीमत पर अमेरिकी हितों का पीछा करने में विश्वास करते हैं। वहीं, बाइडेन कूटनीति और वैश्विक सहयोग पर अधिक भरोसा करते हैं।