मालाबार: ऑस्ट्रेलिया को बुलाने पर US का भारत को समर्थन, चीन के सामने QUAD बने मजबूत

मालाबार: ऑस्ट्रेलिया को बुलाने पर US का भारत को समर्थन, चीन के सामने QUAD बने मजबूत
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वॉशिंगटन
हर साल नवंबर में होने वाला मालाबार युद्धाभ्यास इस साल और खास होने वाला है। 13 साल बाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया की नौसेनाएं एक साथ जुटेंगी और चीन को कड़ा संदेश देते हुए शक्ति प्रदर्शन करेंगी। ऑस्ट्रेलिया को इसके लिए न्योता देने के कदम का अमेरिका ने स्वागत किया है। अमेरिका का कहना है कि जब दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है, चीन सैन्य विस्तार कर रहा है। उसके रवैये को देखते हुए क्वॉड देशों को मजबूत बनना होगा।

भारत के फैसले को पूरा समर्थन
अमेरिका की सीनेट फॉरन रिलेशन्स कमिटी के सदस्य सीनेटर डेविड पर्डू ने अमेरिका में भारत के राजदूत टीएस संधू को लिखा है, ‘हम सालाना होने वाले मालाबार अभ्यास मे ऑस्ट्रेलिया को औपचारिक न्योता देने के भारत के फैसले के पूरे समर्थन में हैं।’ खत में कहा गया है कि चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक रवैये को देखते हुए क्वॉड देशों को मजबूत करना अहम है।

चीन की चाल को लगा है झटका
इसमें आगे कहा गया है, ‘जब दुनिया कोविड-19 की महामारी से लड़ रही है, चीन ने मौकापरस्ती दिखाते हुए इंडो-पैसिफिक में अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार करना शुरू कर दिया।’ सीनेटर ने खत में कहा है कि महामारी से चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव और कर्ज के जाल में फंसाने की कोशिश को झटका लगा है। इंडो-पैसिफिक में फ्री-ओपन ट्रेड से क्षेत्र में सतत निवेश होगा।

चीन ने लिया है ‘संज्ञान’
वहीं, चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत की इस घोषणा का ‘संज्ञान लिया’ है कि अमेरिका और जापान के साथ आस्ट्रेलिया भी सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास में हिस्सा लेगा। उसने कहा कि सैन्य सहयोग, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए ‘अनुकूल’ होना चाहिए। इस विशाल सैन्य अभ्यास का हिस्सा बनने के आस्ट्रेलिया के अनुरोध पर ध्यान देने का भारत का निर्णय ऐसे वक्त आया है जब पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बीच चीन के साथ रिश्ता तनावपूर्ण हो गया है।

भारत-अमेरिका से हुई थी शुरुआत
मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। जापान 2015 में इस अभ्यास का स्थायी हिस्सेदार बना। वर्ष 2018 में यह अभ्यास फिलीपन सागर में गुआम तट के पास और 2019 में यह जापान तट के पास हुआ था। पिछले कुछ सालों से आस्ट्रेलिया इस अभ्यास से जुड़ने में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहा है।

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