Quad से घबराए चीनी विदेशमंत्री के बदले सुर, कहा- इंडो-पैसिफिक NATO का निर्माण कर रहा अमेरिका

Quad से घबराए चीनी विदेशमंत्री के बदले सुर, कहा- इंडो-पैसिफिक NATO का निर्माण कर रहा अमेरिका
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क्वालालंपुर
चीन के विदेश मंत्री जो कभी का मजाक उड़ाते नहीं थकते थे। वो आज इस संगठन को इंडो-पैसिफिक नाटो का नाम दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेरिका इस क्षेत्र का सैन्यीकरण कर रहा है। जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच रणनीतिक सहयोग वाशिंगटन के इंडो-पैसिफिक नाटो के निर्माण के प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह पहल क्षेत्रीय सुरक्षा को कमजोर करेगी।

पहले क्‍वॉड का मजाक उड़ाते रहे हैं वांग यी
वांग यी इससे पहले हमेशा से क्‍वॉड का मजाक उड़ाते रहे हैं। उन्होंने पहले कहा था कि क्‍वॉड कूड़े में फेंकने वाला आइडिया है। यह आइडिया समुद्री झाग की तरह खुद ही खत्म हो जाएगा। हालांकि इस संगठन की दूसरी बैठक में सदस्य देशों के सकारात्मक रूख को देखकर चीन के होश उड़े हुए हैं। चीनी मीडिया भी क्‍वॉड को लेकर तरह-तरह की भड़काऊ बातें कह रही है।

युद्ध का मैदान न बने साउथ चाइना सी
साउथ चाइना सी में जारी गतिरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विश्व की प्रमुख शक्तियों के बीच में लड़ाई का मैदान नहीं होना चाहिए। दूसरे देशों को भी युद्धपोतों के साथ शक्ति प्रदर्शन करने से बचना चाहिए। उन्होंने आसियान के देशों से बाहरी व्यवधानों से दूर रहकर समुद्री सीमा के बंटवारे की बातचीत करने का आग्रह भी किया।

मलेशिया को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन देगा चीन
आसियान देशों की चार दिवसीय यात्रा पर निकले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मलेशियाई समकक्ष हिशामुद्दीन हुसैन के साथ बातचीत के बाद दोनों देशों में आपसी सहयोग बढ़ाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं। मलेशिया को चीन पहले ही अपने चारों कोरोना वायरस वैक्सीन के प्राथमिकता प्राप्तकर्ता के रूप में सूचीबद्ध किया है। ऐसे में अगर चीन की कोई भी कोरोना वायरस वैक्सीन सफल घोषित होती है तो उसे मलेशिया को पहले दिया जाएगा।

क्या है क्‍वॉड जानिए
द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍यॉरिटी डायलॉग (क्‍वॉड) की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी। हालांकि इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। क्‍वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

चीन कर रहा है विरोध
इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्‍य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्‍वॉड से दूर रहे और गुटन‍िरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।

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