ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने किया ऐलान- चीन से निपटने के लिए भारत के साथ बढ़ाएंगे सहयोग
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन से बढ़ते खतरों से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का ऐलान किया है। आस्ट्रेलिया की रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स ने कहा है कि अधिक सुरक्षित, खुले, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण के समर्थन में आस्ट्रेलिया समान विचारधारा वाले भारत जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को गहरा करना जारी रखेगा। चीन संसाधनों से संपन्न इस क्षेत्र में अपना दखल बढ़ाता जा रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने भारत के साथ हमारे संबंध मजबूत
रेनॉल्ड्स ने कहा कि हाल ही में हिंद महासागर में किए गए नौसेना के संयुक्त अभ्यास व्यापक रणनीतिक भागीदारी के रूप में दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाते हैं। पिछले सप्ताह भारतीय नौसेना और रॉयल आस्ट्रेलियन नेवी ने हिंद महासागर के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में दो दिवसीय संयुक्त अभ्यास किया था। व्यापक रणनीतिक भागीदारी के लिए अपने संबंधों को बढ़ाने और जून में साजो-सामान समर्थन के लिए सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के मद्दनेजर एक ऐतिहासिक सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा यह पहला बड़ा सैन्य अभ्यास रहा।
समान विचारधारा वाले देशों से बढ़ाएंगे संबंध
रेनॉल्ड्स ने एक बयान में कहा कि हम अधिक सुरक्षित, खुले, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण के समर्थन में समान विचारधारा वाले देशों, जैसे भारत के साथ अपने जुड़ाव को बढ़ावा देना जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री के डिजिटल शिखर सम्मेलन के बाद भारत के साथ हमारे रक्षा संबंध ऐतिहासिक उच्च बिंदु पर हैं और मैं भविष्य में हमारी व्यापक साझेदारी को और बढ़ाए जाने की उम्मीद करती हूं।
ऑस्ट्रेलिया और चीन में तनाव चरम पर
कोरोना वायरस को लेकर ऑस्ट्रेलिया के सवालों से नाराज चीन ने आर्थिक रूप से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल में ही चीनी सरकार ने अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया न जाने की सलाह जारी की थी। इतना ही नहीं चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले कई सामानों पर बैन भी लगाया है।
हॉन्ग कॉन्ग को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया-चीन आमने सामने
ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से पैदा हुई आशंकाओं के कारण हॉन्गकॉन्ग के साथ प्रत्यर्पण संधि को रद्द कर दिया है। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और हॉन्ग कॉन्ग अपने अधिकार क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को प्रत्यर्पित नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को अपने यहां बसने और वीजा अवधि बढ़ाने का ऑफर भी दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऐलान किया कि हॉन्ग कॉन्ग में बिजनेस करने वाले लोग अगर ऑस्ट्रेलिया आना चाहें, तो वे आ सकते हैं। माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया के इस ताजा ऐलान से दोनों देशों के बीच जारी तनाव गंभीर रूप ले सकता है।