सैटलाइट तस्वीरों में अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने दिखाया, 10 साल में चीन ने कितनी तेजी से बढ़ाए हथियार
अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने दावा किया है कि चीन ने अपनी बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के उत्पादन और टेस्टिंग को पिछले 10 साल में तेज कर दिया है। यहां तक कि ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों और सैन्य विश्लेषकों ने इसे इतिहास में सबसे बड़ी तैयारी बताई है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने पिछले हफ्ते एक मीटिंग के दौरान इन सैटलाइट तस्वीरों को जारी किया। वहीं, इस खुलासे का जिक्र करते हुए CBS Austin ने दावा किया है कि चीन ऐसी मिसाइल तैयार कर रहा है जो सिर्फ 30 मिनट में अमेरिका पर 1000 परमाणु बम गिरा सकता है।
10 गुना ज्यादा जखीरा
एजेंसी NATO सैन्य अलांयस को चीन की परेड की दो अलग-अलग तस्वीरें दिखा रही थी। ये तस्वीरें 10 साल के अंतर पर ली गई थीं। डिजिटल ग्लोब ने पेइचिंग में ये फोटो तियानमन स्क्वेयर पर लीं जहां 1 अक्टूबर को नैशनल डे मनाया जाता है। करीब 10 साल पहले 2009 में सैन्य परेड में मिसाइलें 0.48 किमी तक शामिल थीं जबकि 2019 की तस्वीर में ये 10 गुना ज्यादा 4.3 किमी तक थीं।
इस साल किए 70 से ज्यादा टेस्ट
आर्म्स कंट्रोल के लिए स्पेशल प्रेजिडेंशल राजदूत मार्शल बिलिंगस्ली ने कहा है, ‘वे अभी तक बरकरार रणनीतिक संतुलन खत्म करने वाले हैं। वे दुनिया को विवादित समुद्र में ले जाने वाले हैं।’ स्टेट डिपार्टमेंट ने दावा किया है कि 2020 में कोरोना वायरस के बावजूद कम से कम 70 टेस्ट-लॉन्च किए। इस दौरान बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया गया।
वहीं, 2019 में चीन ने 225 बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किए थे। यह दुनिया में दूसरे सभी देशों से मिलाकर ज्यादा था। बिलिंगस्ली ने कहा है कि ये बेहद खतरनाक हथियार हैं। उन्होंने कहा कि जब चीनी समकक्षों के साथ बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने सिर्फ रुकावट पैदा की है।
चीन तैयार कर रहा 1000 परमाणु हथियार वाली मिसाइल
CBS Austin ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका और रूस ने 1,500 परमाणु हथियारों तक सीमित रहने का फैसला किया है। हालाकि, चीन के प्रॉपगैंडा और ओपन सोर्स के मुताबिक कम्युनिस्ट शासन ने अपने अडवांस्ड इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम DF-41 को तैयार करने का प्लान बनाया है। यह 9, 000 मील तक वार कर सकती है। यानी कि अमेरिका में सिर्फ 30 मिनट के अंदर एक हजार परमाणु हथियार गिरा सकती है। बिलिंगस्ली ने कहा है कि चीन के इरादे साफ नहीं हैं। जैसे उन्होंने कोरोना वायरस को गुप्त रखा, वैसे ही परमाणु हथियार प्रोग्राम के साथ भी कर रहे हैं।