चीन के घुसपैठ से अलर्ट पर ताइवान, राष्ट्रपति ने लिया एयर डिफेंस मिसाइल बेस का जायजा
चीन के लड़ाकू और टोही विमानों की बढ़ती घुसपैठ से अलर्ट मोड पर है। शुक्रवार को ताइवान की राष्ट्रपति ने देश के एयर डिफेंस मिसाइल बेस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ताइवानी सैनिकों से द्वीप की संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करने का आह्वान किया। पिछले दो दिनों में दो बार चीनी विमानों ने ताइवानी वायुसीमा में घुसपैठ की कोशिश की, जिसके बाद ताइवानी फाइटर जेट ने उन्हें खदेड़ दिया।
चीन की घुसपैठ पर साधा निशाना
ताइवानी रक्षा मंत्रालय के वीडियो फुटेज में राष्ट्रपति त्साई इंग वेन सैनिकों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देतीं नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इस समय ताइवान के सैन्य अभ्यास से परेशान चीनी कम्युनिस्ट विमान लगातार घुसपैठ कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हर कोई अपने मिशन को पूरा करने की स्थिति के बारे में स्पष्ट है। सभी जानतें हैं कि उनके पास एक बड़ी जिम्मेदारी है।
सेना से देश की संप्रभुता की सुरक्षा करने को कहा
राष्ट्रपति ने ताइवानी सेना की तारीफ करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि आपके मेहनत के कारण ही ताइवान के आसमान और लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने सैनिकों से कहा कि अपने देश की संप्रभुता का एक इंच भी किसी को न लेने दें और देश की स्वतंत्रता के लिए प्रण करें। हम अपने घर की रक्षा और देश की सुरक्षा का संकल्प लें।
क्यों है चीन और ताइवान में तनातनी
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसके लिए सेना के इस्तेमाल पर भी जोर देती आई है। ताइवान के पास अपनी खुद की सेना भी है। जिसे अमेरिका का समर्थन भी प्राप्त है। हालांकि ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध खराब हुए हैं।