नहीं रहा कंबोडिया का 'क्रूर' जेलर कियांग, 16 हजार लोगों को दी थी दर्दनाक मौत
के तानाशाह का जेलर रहा की 77 साल की उम्र में मौत हो गई। उसने अपने जेलर के कार्यकाल में सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वाले 16 हजार कंबोडियाई नागरिकों को जेल में यातना देकर मार डाला था। कियांग को इन कृत्यों के लिए युद्ध अपराधी घोषित किया गया था। वह तानाशाह खमेर रूज के शासन में मुख्य जेलर के पद पर कार्यरत था।
उम्रकैद की सजा काट रहा था कियांग
कियांग को डच के नाम से भी जाना जाता था। वह यु्द्ध अपराध एवं मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा था। खमेर रूज के शासन के दौरान हुए अपराधों की सुनवाई करने वाले न्यायाधिकरण के प्रवक्ता नेथ फियकत्रा ने बताया कि कियांग की मौत बुधवार सुबह कंबोडिया के एक अस्पताल में हुई। वर्ष 2013 में न्यायाधिकरण ने उसे कंदाल प्रांतीय जेल में स्थानांतरित किया था।
सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में हुआ था भर्ती
जेल प्रमुख चैत सिनयांग ने बताया कि कियांग को सांस लेने में परेशानी होने पर सोमवार को कंबोडियन सोवियत फ्रेंडशिप अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण में वर्ष 2009 में हुई सुनवाई में कियांग खमेर रूज शासन का पहला शीर्ष अधिकारी था जिसको सजा सुनाई गई।
खमेर रूज ने देश की 25 फीसदी आबादी को मार डाला
1970 के दशक में खमेर रूज शासन को सबसे क्रूर शासन माना जाता है जिसमें 17 लाख लोगों की मौत हुई थी जो कंबोडिया की उस समय की कुल आबादी का 25 प्रतिशत था।