स्वीडन में कुरान को लेकर दंगों के बीच पोलैंड के सांसद बोले- एक भी मुस्लिम की एंट्री नहीं

स्वीडन में कुरान को लेकर दंगों के बीच पोलैंड के सांसद बोले- एक भी मुस्लिम की एंट्री नहीं
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वारसा
स्वीडन में कुरान को लेकर भड़के दंगों के बीच पड़ोसी देश के सांसद का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में सांसद डोमिनिक टार्ज़ीस्की ने कहा कि पोलैंड इसलिए सुरक्षित है क्योंकि यहां मुस्लिम शरणार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। दुनियाभर के मुस्लिम देश पोलैंड पर इस्लामोफोबिक होने का आरोप लगाते रहे हैं। इस देश ने यूरोपीय यूनियन के आव्रजन नीति को भी खारिज करते हुए मुस्लिमों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

एक भी मुस्लिम को नहीं देंगे शरण
वायरल हो रहे वीडियो में न्यूज चैनल की एंकर ने सांसद डोमिनिक टार्ज़ीस्की से सवाल पूछा कि पोलैंड ने कितने शरणार्थियों को शरण दी है? जिसके जवाब में सांसद ने कहा कि ‘शून्य’। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप मुझसे मुस्लिम अवैध प्रवासियों के बारे में पूछ रही हैं तो हम एक को भी अपने यहां शरण नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि हमने 20 लाख से अधिक यूक्रेन के शरणार्थियों को पनाह दी है, जो यहां काम कर रहे हैं और पोलैंड शांतिपूर्ण है।

हमें दुनिया की परवाह नहीं: पोलैंड सांसद
उन्होंने आगे कहा कि हमने एक भी मुसलमान को स्वीकार नही किया है। हमने ऐसा करने के लिए जनता से वादा किया था। यही कारण है कि हमारी सरकार चुनी गई और यही कारण है कि पोलैंड इतना सुरक्षित है। यही कारण है कि पोलैंड पर एक भी आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें लोक लुभावन, राष्ट्रवादी या जातिवादी कहा जा सकता है, लेकिन इसकी हमें परवाह नहीं है। मुझे अपने परिवार और अपने देश के बारे में परवाह है।

लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने इसी पर जीता था चुनाव
पोलैंड की सत्तारूढ़ लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने 2019 में प्रवासियों को ही मुद्दा बनाकर चुनाव जीता था। तब सांसद डोमिनिक टार्ज़ीस्की ने कहा था कि मेरे लिए बहुसांस्कृतिक समाज कोई मूल्य नहीं है। ईसाई संस्कृति, रोमन कानून, ग्रीक दार्शनिक, ये हमारे लिए गुण हैं। यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने और एक बहुसांस्कृतिक समाज में जीवन का अनुभव करने के बाद मैं इसमें कोई मूल्य नहीं देखता हूं।

स्वीडन में क्यों भड़के दंगे
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात को स्वीडन में एक दक्षिणपंथी नेता को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके समर्थकों ने कुरान को जला दिया था। जिसके बाद सैकड़ों लोग दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के बाद मालम शहर में दंगे शुरू हो गए। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया जिसे शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

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