कोरोना वैक्सीन को लेकर जल्दीबाजी में ब्रिटेन, तुरंत मंजूरी के लिए कानून बदलने को तैयार

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लंदन
दुनिया में दिन प्रतिदिन की स्थिति बिगड़ती जा रही है। ब्रिटेन भी इससे अछूता नहीं है। मरीजों की बढ़ती संख्या और मौत के आंकड़ों से डरी ब्रिटिश सरकार ने ऑक्सफर्ड की को जल्द मंजूरी देने के लिए कानून में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है। ऐसे में इससे जुड़े वैज्ञानिक वैक्सीन के कामयाब होने की घोषणा भी जल्द ही कर सकते हैं।

मंजूरी वाले कानून में बदलाव की तैयारी में ब्रिटेन
आमतौर पर किसी भी वैक्सीन के सफल होने की घोषणा के बाद सरकार को इसकी मंजूरी देने में एक से डेढ़ महीने का समय लग जाता है। लेकिन, ब्रिटिश सरकार चाहती है कि वैक्सीन बनने के तुरंत बाद मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन रूप में उपलब्ध हो जाए। इसके लिए पहले से मौजूद कानून में बदलाव करने के लिए तैयारियां की जा रही है।

ऑक्सफर्ड के साथ वैक्सीन बना रही है कंपनी
AstraZeneca की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ बनाई कोरोना वायरस वैक्सीन को सबसे सफल दावेदार माना जा रहा है। इंसानों पर किए गए इसके ट्रायल में मामूली साइड-इफेक्ट्स के साथ ऐंटीबॉडी और किलर T-cells बनते पाए गए थे। अब इसकी बड़ी आबादी पर ट्रायल के बाद नतीजों का इंतजार है।

सबसे पहले किसे दी जाएगी वैक्सीन
ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स केट बिंघम के अनुसार, बुजुर्ग लोगों को युवाओं से अलग वैक्सीन दिए जाने की भी संभावना है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। वैक्सीन दिए जाने पर 65 की उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोगों, फ्रंटलाइन हेल्थ और सोशल केयर वर्कर्स को भी यह पहले दी जाएगी।

रूस ने बिना ट्रायल वैक्सीन को दी मंजूरी
रूस ने पहले ही अपनी कोरोना वैक्सीन Sputnik V को लॉन्च कर दिया है। हालांकि, उसे लेकर एक्सपर्ट्स को शक है क्योंकि बिना बड़ी आबादी पर टेस्ट किए ही, उसे अप्रूव कर दिया गया है। हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि इस वैक्सीन ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों पर अच्छा असर दिलाया है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनकी एक बेटी को इस वैक्सीन का डोज दिया गया है।

चीन ने भी बिना ट्रायल लोगों को दी वैक्सीन की डोज
दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन ने एक महीने पहले ही अपने लोगों को वैक्सीन दे दी थी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है। हालांकि, आयोग ने यह नहीं बताया कि चीन में क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंची चार वैक्सीन में से किसे लोगों को दिया गया है। इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी दावा किया कि लोगों पर इस वैक्सीन का कोई कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।

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