तो तिब्बत की स्वायत्तता खत्म करेगा चीन? कम्युनिस्ट विचारधारा थोप रहे जिनपिंग
के राष्ट्रपति जबरदस्ती के सामजिक और धार्मिक ताने-बाने को तोड़ने में जुट गए हैं। उन्होंने तिब्बत को नए समाजवादी तिब्बत बनाने का राग अलापा है। इसके अलावा उन्होंने तिब्बत में अलगाव को लेकर उठ रही आवाजों को दबाने के लिए सामाजिक स्तर पर एक दीवार बनाने की बात भी की। उन्होंने कहा कि वे तिब्बती बौद्ध धर्म का सिनीकरण करना चाहते हैं।
तिब्बत की पहचान मिटाने की कोशिश में चीन
सिनीकरण का अर्थ गैर चीनी समुदायों को चीनी संस्कृति के अधीन लाना है। जिससे उनपर चीन की अतिवादी कम्युनिस्ट विचारधारा को थोपा जा सके। अभी तक तिब्बत की पहचान अपने अलग धार्मिक और सांस्कृतिक रीति रिवाजों के लिए की होती रही है। लेकिन, अब चीनी शासन पूर्ण रूप से तिब्बत की पहचान मिटाने पर उतर आया है।
शी जिनपिंग ने उकेरा नए तिब्बत का सपना
तिब्बत वर्क पर सातवें केंद्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि ऐसे तिब्बत का निर्माण करने के प्रयास किए जाने चाहिए जो संयुक्त, संपन्न, सांस्कृतिक रूप से उन्नत, समरसता से पूर्ण और सुंदर हो। नए दौर में तिब्बत पर शासन करने की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को पूर्ण रूप से लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए शी ने कहा कि नए आधुनिक समाजवादी तिब्बत के निर्माण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
तिब्बत को लेकर अमेरिका से तनातनी
तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकार हनन तथा एशिया की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों के निकट हो रहे पर्यावरणीय क्षरण को रोकने में बीजिंग की विफलता पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 में तिब्बती मुद्दों की खातिर 1.7 करोड़ डॉलर के कोष तथा तिब्बती मुद्दों पर विशेष समन्वयक के लिए दस लाख डॉलर के कोष का प्रस्ताव दिया है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा भी की है।
तिब्बत की स्वायत्तता को यूएस का समर्थन
अमेरिका हर बार कहता रहा है कि हम तिब्बती लोगों की सार्थक स्वायत्तता के लिए, उनके बुनियादी तथा अहस्तांतरणीय मानवाधिकारों के लिए, उनके विशिष्ट धर्म, संस्कृति और भाषायी पहचान को संरक्षित रखने की खातिर काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। भारत में रह रहे तिब्बत के निर्वासित धार्मिक नेता दलाई लामा तिब्बत के लोगों के लिए सार्थक स्वायत्तता की मांग करते रहे हैं। लेकिन चीन 85 वर्षीय दलाई लामा को अलगाववादी मानता है।