कीड़े मारने वाले स्प्रे के केमिकल से हो सकता है कोरोना से बचाव: स्टडी

कीड़े मारने वाले स्प्रे के केमिकल से हो सकता है कोरोना से बचाव: स्टडी
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लंदन
कीड़े-मकौड़ों को मारने वाली दवाओं में पाया जाने वाला एक सक्रिय पदार्थ कोविड-19 के लिए जिम्मेदार से बचाव प्रदान कर सकता है। ब्रिटेन की रक्षा प्रयोगशाला की एक स्टडी में यह दावा किया गया है। डिफेंस साइंस ऐंड टेक्नॉलजी लैबरेटरी (DSTL) के वैज्ञानिकों ने एक बयान में कहा कि मोसी-गार्ड (मच्छर मारने वाली दवा) जैसी कीटनाशक दवाओं में सक्रिय पदार्थ, सिट्रियोडिओल में विषाणु रोधी विशेषताएं पाई गई जब एक परीक्षण सतह पर उन्हें फ्लूइड चरण में वायरस के साथ मिश्रित किया गया।

देखी गई वायरस में कमी
अध्ययन के अप्रकाशित परिणामों के मुताबिक, ‘मोसी गार्ड स्प्रे या चयनित केमिकल के साथ वायरस सस्पेंशन को मिलाने से SARS-CoV-2 में कमी देखी गई।’ हालांकि यह साफ नहीं है कि यह स्प्रे बार-बार हाथ धोने और ऐल्कॉहॉल निर्मित हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल कर वायरस से बचाव के उपाय के अलावा कोई अंतर पैदा कर पाएगा या नहीं।’

अलग-अलग तरह से टेस्ट
सिट्रिओडियोल यूकालिप्टस सिट्रिओडोरा पेड़ के पत्तों और टहनियों से मिलता है और इसे डीट का प्राकृतिक विकल्प बताया जाता है जो कीट मारने वाली दवाओं में इस्तेमाल होने वाला एक अन्य पदार्थ है। सैन्य विशेषज्ञों ने प्रयोग के लिए दो तरीके अपनाए। पहले तरीके में उत्पाद के विषाणु रोधी गतिविधि का आकलन किया गया जब इसे फ्लूइड की बूंद के रूप में सीधे वायरस पर डाला गया। वहीं, दूसरे तरीके में उत्पाद का आकलन इसे लेटेक्स से बनी ‘सिंथेटिक त्वचा’ पर लगाकर किया गया।

अभी और अनुसंधान की तैयारी
अध्ययन में पाया गया कि एक मिनट के फ्लूइड सस्पेंशन परीक्षण में दिखा कि अगर विषाणु को फ्लूइड चरण में मिलाया जाए तो मोसी गार्ड में SARS-CoV-2 इंग्लैंड-2 आइसोलेट के खिलाफ विषाणु रोधी गतिविधि करता है। लेटेक्स पर किए गए अध्ययन में भी यही बात सामने आई। वैज्ञानिकों ने कहा कि वे अपने प्रारंभिक परिणाम इस उम्मीद में साझा कर रहे हैं कि इस पर और अनुसंधान किया जाएगा।

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