US का जासूसी प्लेन दिखने के बाद चीन ने दक्षिण चीन सागर में दागी 'किलर' मिसाइल
चीन की सेना ने दक्षिणी चीन सागर में दो मिसाइलों का परीक्षण किया जिसमें एक ‘कैरियर मिसाइल’ भी शामिल थी। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसे अमेरिकी बलों पर हमले के लिए विकसित किया गया हो सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी सेना के अज्ञात करीबी सूत्रों के हवाले से खबर दी कि DF-26B और DF-21D मिसाइलों को बुधवार को दक्षिणी द्वीप प्रांत हैनान और पार्सल द्वीपसमूहों के बीच वाले इलाके में दागा गया।
इसलिए कहते हैं ‘किलर’ मिसाइल
बुधवार को किए गए ये परीक्षण चीन की उस शिकायत के बाद आए हैं जिसमें उसने कहा था कि अमेरिकी U-2 जासूसी विमान पेइचिंग के घोषित ‘नो फ्लाई जोन’ में घुस आया था। DF-21 का निशाना असामान्य रूप से सटीक होता है और इसे सैन्य विशेषज्ञ ‘कैरियर किलर’ कहते हैं जिनका मानना है कि इसे उन अमेरिकी विमानवाहकों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है जो चीन के साथ संभावित संघर्ष में शामिल हो सकते हैं।
सेना को विस्तार देने की कोशिश
पेइचिंग ने पिछले दो दशक में मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, परमाणु पनडुब्बियों और अन्य हथियारों को विकसित करने की कोशिश में खूब खर्च किया है ताकि वह अपनी सीमाओं से परे भी अपनी सेना को विस्तार दे सके। खबर में बताया गया कि DF-26B को उत्तरपश्चिमी प्रांत किंगहाई से जबकि DF-21D को पूर्वी तट पर शंघाई के दक्षिण में स्थित जेझियांग प्रांत से प्रक्षेपित किया गया।
पर विवाद
विश्व के सबसे व्यस्ततम व्यापार मार्गों में से एक, दक्षिण चीन सागर पर नियंत्रण को लेकर बढ़ता विवाद पेइचिंग के वॉशिंगटन और उसके दक्षिणी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते में लगातार कड़वाहट पैदा कर रहा है। ट्रंप प्रशासन ने विवादित क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से पर संप्रभुता के पेइचिंग के दावों को इस साल खारिज कर दिया था। इसके कुछ हिस्सों पर वियतनाम, फिलीपीन और अन्य देश की सरकारें भी दावा करती हैं।