कहीं और खतरनाक न हो जाए Coronavirus, रूस की Vaccine Sputnik V पर एक्सपर्ट्स की नई चिंता
रूस ने अपनी Sputnik V के सारे ट्रायल पूरे करने से पहले ही इसे उपलब्ध कराने का फैसला किया है जिससे मेडिकल एक्सपर्ट्स परेशान हैं। अभी तक उन्हें इस वैक्सीन के सुरक्षित होने पर चिंता थी लेकिन अब एक आशंका यह भी पैदा हो गई है कि कहीं इसकी वजह से वायरस में म्यूटेशन न होने लगे। दरअसल, कोरोना वायरस SARS-CoV-2 का म्यूटेशन, यानी जेनेटिक कोड में बदलाव, वैज्ञानिकों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। यूं तो आमतौर पर यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता है लेकिन वैज्ञानिकों को चिंता है कि ऐसी वैक्सीन के इस्तेमाल से, जो पूरी तरह वायरस पर असरदार नहीं है, कहीं यह समस्या जटिल न हो जाए।
ऐसे हो सकता है खतरा
ब्रिटेन की रीडिंग यूनिवर्सिटी के वायरॉलजी प्रफेसर ईयन जोन्स ने कहा है, ‘संपूर्ण से कम सुरक्षा होने पर वायरस उस ऐंटीबॉडी के खिलाफ आत्मरक्षा पैदा कर सकता है जो इस वैक्सीन से बनेगी। इससे ऐसे स्ट्रेन पैदा हो सकते हैं जो किसी भी वैक्सीन प्रतिक्रिया को झेल जाएं। इसलिए कोई वैक्सीन नहीं होने से ज्यादा खतरनाक है गलत वैक्सीन होना।’ अमेरिका के वॉन्डरबिट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की पीडिऐट्रिक प्रफेसर और वैक्सीन एक्सपर्ट कैथरिन एडवर्ड्स का कहना है, ‘वैक्सीन का वायरस पर क्या असर होगा- लड़ेगी, ब्लॉक करेगी या उसे और मजबूत बना देगी- यह तो चिंता का विषय है ही।’
बैक्टीरिया में देखा जाता है ऐसा
बॉस्टन में हारवर्ड के बेथ इजरायल टिकनेस मेडिकल सेंटर के स्पेशलिस्ट डैन का कहना है कि कोरोना वायरस में म्यूटेशन का रेट HIV जैसे वायरस से कम होता है लेकिन असफल वैक्सीन इस्तेमाल करने के कई नुकसान हो सकते हैं। म्यूटेशन का रिस्क तो थिअरी में है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बैक्टीरिया में ऐसा बिहेवियर देखा जाता है जब वे ऐंटीबायोटिक्स के खिलाफ लड़कर और मजबूत हो जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता पैदा कर लेते हैं।
अगले हफ्ते से मास टेस्टिंग
वहीं, Sputnik V का बड़ी संख्या में ट्रायल अगले हफ्ते से शुरू होगा। इसमें 40 हजार लोग शामिल होंगे। एक विदेशी रिसर्च बॉडी के तत्वाधान में ये टेस्ट होंगे। दरअसल, वैक्सीन को लेकर दुनिया के कई देशों, खासकर पश्चिम ने, रूस पर सवाल खड़े किए हैं और डेटा को लेकर असंतुष्टि जताई है। इस वैक्सीन का नाम दुनिया की पहली आर्टिफिशल सैटलाइट Sputnik पर रखा गया है और रूस के एक्सपर्ट्स ने कहा है कि जैसे तब दुनिया रूस की सफलता से हैरान थी, अब वैक्सीन पर भी उसका शक उसी वजह से है।