ताइवान पर हमले के लिए जिस टैंक पर चीन का भरोसा, उसी ने PLA को 'डुबोया'
चीन एक ओर जहां एशिया, खासकर दक्षिण चीन सागर में कई क्षेत्रों पर अपना दावा ठोक रहा है और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता रहता है, वहीं दूसरी ओर एक वीडियो सामने आने से उसकी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की पोल खुल गई है। दरअसल, सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि उसका एक amphibious टैंक जो पानी के अंदर और बाहर, दोनों जगह फंक्शन कर सकता है, वह खुद ही डूब जाता है। कहा जाता है कि पानी के रास्ते ही चीन ताइवान को निशाना बनाने की फिराक में है। ऐसे में इस वीडियो ने उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
क्वॉलिटी पर सवाल
इस amphibious टैंक का काम होता है पानी के अंदर रहकर इंतजार करना और जरूरत पड़ने पर अचानक हमला करना या किसी संदिग्ध वाहन को नदी पार करने से रोकना। इसके साथ ही ये आरोप भी लग रहे हैं कि ये टैंक ठेके के मानकों से उलट घटिया क्वॉलिटी के पतले और कमजोर स्टील से बनाए गए हैं जिसकी वजह से यह डूब गया। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के उपकरणों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो गया है और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।
क्यों ही SCS पर चीन की नजर?
दक्षिण चीन सागर में जिस क्षेत्र पर चीन की नजर है वह खनिज और ऊर्जा संपदाओं का भंडार है। चीन का दूसरे देशों से टकराव भी कभी तेल, कभी गैस तो कभी मछलियों से भरे क्षेत्रों के आसपास होता है। चीन एक ‘U’ शेप की ‘नाइन डैश लाइन’ के आधार पर क्षेत्र में अपना दावा ठोकता है। इसके अंतर्गत वियतनाम का एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन (EEZ), परासल टापू, स्प्रैटली टापू, ब्रूने, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलिपीन और ताइवान के EEZ भी आते हैं।
ताइवान से क्यों है विवाद?
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।
ताइवान पर हमले की फिराक में चीन
चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए ताइवान स्ट्रेट के पास करीब 40 हजार सैनिक तैनात किए हैं। इसके लिए उसने दो मरीन ब्रिगेड बनाए हैं। चीन ने धमकी दी है कि अगर राजनीतिक तरीके से ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बनेगा तो वह ताकत के बल पर ताइवान पर कब्जा कर लेंगे। पेइचिंग के सैन्य विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग ने कहा कि हालिया युद्धाभ्यास ताइवान सरकार को राजनीतिक चेतावनी है। हॉन्ग कॉन्ग के सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि नवंबर में अमेरिकी चुनाव से पहले चीन और बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर सकता है।