समुद्र में भारत की ताकत बढ़ाएगा यह अमेरिकी बॉम्बर, जानिए कैसे

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हिंद महासागर में चीन-पाकिस्तान की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए अमेरिका और भारत ने गश्त को तेज कर दिया है। अमेरिका ने दो दिन पहले ही इस क्षेत्र में स्थित अपने नेवल बेस डियागो गार्सिया में बी-2 स्प्रिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर्स को तैनात कर दिया है। लंबी दूरी तक परमाणु हमला करने में सक्षम इस विध्वंसक बॉम्बर को तैनात कर अमेरिका ने न केवल भारत के प्रति अपने समर्थन का खुला इजहार किया है, बल्कि इस क्षेत्र में सक्रिय चीन, पाकिस्तान और ईरान को सीधी चेतावनी भी दी है।

अमेरिकी वेबसाइट द ड्राइव के अनुसार, डियागो गार्सिया में तैनात बी-2 स्प्रिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर्स भारत के साथ होने वाले मालाबार नेवल एक्सरसाइज में भी हिस्सा लेंगे। हिंद महासागर में होने वाली इस अभ्यास में भारत और अमेरिका के अलावा जापान भी हिस्सा लेगा। माना जा रहा है कि चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए इस बार ऑस्ट्रेलिया को भी इसमें शामिल होने के लिए न्यौता दिया जा सकता है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने के लिए नहीं बुलाया गया है।

B-2 स्प्रिट की गिनती दुनिया के सबसे घातक बॉम्‍बर्स में की जाती है। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यह परमाणु रेडार की पकड़ में नहीं आता है और चुपके से हमले को अंजाम देने में सक्षम है। यही नहीं यह दुश्‍मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्‍बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्‍मन की जमीन पर हमला करने में सबसे कारगर बॉम्‍बर माना जाता है।

अमेरिका का डियागो गार्सिया नेवल बेस न केवल भारत बल्कि पूरे हिंद महासागर के लिए खास है। दरअसल, हिंद महासागर के केंद्र में स्थित चागोस द्वीपसमूह में लगभग 60 द्वीपसमूह और सात एटोल शामिल हैं। इसका सबसे बड़ा द्वीप डिएगो गार्सिया है। यह द्वीपसमूह बहुत छोटा है जिसका क्षेत्रफल महज 60 वर्ग किलोमीटर और 698 किलोमीटर लंबी तटरेखा है। इस द्वीप का स्‍वामित्‍व अभी ब्रिटेन के पास है और उसने इसे अमेरिका को दे दिया है। चागोस द्वीप समूह, हिंद महासागर के मध्य में स्थित है, जो पश्चिम में अफ्रीकी मुख्य भूमि के तट से और पूर्व में दक्षिण-पूर्व एशिया से लगभग सामान दूरी पर है। इस द्वीप के पश्चिम में सोमालिया का तट और इसके पूर्व में सुमात्रा का तट स्थित है, दोनों लगभग 1,500 समुद्री मील दूर हैं। चागोस द्वीपसमूह, भारतीय उप-महाद्वीप के दक्षिण से लगभग 1,000 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।

भारत की मुश्किलें बढ़ाने के लिए चीन और पाकिस्तान साथ मिलकर ग्वादर से अफ्रीका में स्थित जिबूती तक नौसैनिक गश्त को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इनके गश्ती रास्ते में होर्मुज जल संधि का क्षेत्र भी आएगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के मुताबिक, पूरी दुनिया में निर्यात होने वाले कुल कच्चे तेल का 40 से 46 फीसदी हिस्सा ‘होर्मुज जल संधि’ क्षेत्र से ही जाता है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति में भारत समेत दुनिया की तेल सप्लाई लाइन को काट सकते हैं।

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