चुनाव हारते ही बेलारूस से फरार हुईं स्वेतलाना
बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको के छठी बार राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद विपछी उम्मीदवार देश छोड़कर फरार हो गई हैं। उनको बेलारूस में रहने पर बदले की कार्रवाई का डर सता रहा था। इस बीच पड़ोसी देश लिथुआनिया के विदेश मंत्री लिनास लिंकेविअस ने जानकारी दी है कि स्वेतलाना उनके देश में हैं और वह सुरक्षित हैं।
स्वेतलाना को मिले 9.9 फीसदी वोट
बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको जब 1994 में पहली बार चुनाव में जीत कर सत्ता में आए थे तब स्वेतलाना 9 साल की थीं। इस बार 37 साल की स्वेतलाना ने लुकाशेंको की सत्ता को चुनौती दी थी। देश के केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतपत्रों की गिनती होने की सोमवार को घोषणा की। उसने यह भी कहा कि लुकाशेंको को 80.23 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि उनकी मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सना को सिर्फ 9.9 प्रतिशत वोट मिले।
स्वेतलाना बोलीं- संघर्ष जारी रहेगा
चुनाव परिणाम के बाद लोगों के विरोध प्रदर्शन पर स्वेतलाना ने कहा था कि भले ही चुनाव हार गई हूं, पर हिम्मत नहीं। तानाशाही के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी रैलियों में उमड़ी भीड़ से तय था कि लोग बदलाव चाहते हैं, पर ऐसा होने नहीं दिया गया।
बेलारूस में हिंसक विरोध प्रदर्शन
इस चुनाव के कारण पूरे बेलारूस में व्यापक प्रदर्शन हुए हैं और प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई की गई। लुकाशेंको को बेलारूस का निरकुंश शासक कहा जाता है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और हजारों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा थे। लुकाशेंको का शासन 1994 में शुरू हुआ था और इस जीत के बाद अब वह 2025 तक सत्ता में रहेंगे।