इजरायल ने दिया 'अस्त्र', कोरोना से लड़ेगा भारत
भारत के सबसे बड़े रक्षा साझीदार देशों में से एक इजरायल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश की बड़ी सहायता की है। कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में इजरायल ने भारत को ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित स्टेट ऑफ ऑर्ट टेक्नोलॉजी और उपकरणों को साझा किया है। इजरायली दूतावास ने जानकारी देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी और उपकरणों को दिल्ली एम्स को दिए गए हैं। इससे कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को बल मिलेगा।
एम्स को दी गई उच्च स्तरीय टेक्नोलॉजी वाले ये उपकरण
भारत में स्थित इजरायली दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि उच्च स्तरीय टेक्नोलॉजी वाले ये उपकरण और तकनीकी न केवल एम्स के कोरोना वायरस को संभालने की शक्ति में इजाफा करेंगे बल्कि ओवरऑल हेल्थकेयर फैसिलिटी को भी बढ़ाएंगे। इस अवसर पर भारत में इजरायली एम्बेसडर डॉ रॉन मलका, भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य और एम्स के डॉयरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया उपस्थित थे।
एम्स के साथ इजरायल के संबंधों को दूतावास ने किया याद
इजरायली दूतावास ने कहा कि एम्स के साथ हमारी पार्टनरशिप करीब एक दशकों से चली आ रही है। 2007 में एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इजरायल का दौरा किया था। जहां उन्होंने ट्रामा और मास कैजुअलटी पर ट्रेनिंग ली थी। इस ट्रेनिंग का आयोजन इजरायली एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने किया था।
25 मई को भारत और इजरायल ने की थी बैठक
25 मई को भारत और इजरायल ने कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई को व्यापक बनाने के लिए आपसी संबंधो को बढ़ाने के लिए बैठक की थी। जिसके बाद इजरायली दूतावास ने कहा था कि इस बैठक में संयुक्त अनुसंधान व विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई। यह भारत व इजरायल के बीच व्यापक स्तर पर वैज्ञानिक सहयोग के तहत उठाया गया कदम है।
इजरायल ने किया था दावा
इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने भी दावा किया था कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्होंने कहा था कि इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। रक्षा मंत्री बेन्नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं।