खामेनेई ने क्यों हिंदी में शुरू किया ट्विटर अकाउंट?
ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्लाह अली खामेनेई ने आज हिंदी और ऊर्दू सहित दुनियाभर की कई भाषाओं में अपने ट्विटर हैंडल की शुरुआत की। खामेनेई के हिंदी में ट्विटर अकाउंट के शुरू करने के लोगों में मन में सवाल उठ रहा है कि भारत से लगभग 3000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक मुस्लिम देश के सर्वोच्च नेता ने ऐसा क्यों किया। जबकि, दोनों देशों की भाषाएं भी बिलकुल अलग हैं।
भारत के शिया मुसलमानों पर खामेनेई की नजर
दरअसल खामेनेई की नजर भारत के शिया मुसलमानों पर है। ईरान खुद को दुनियाभर के शिया मुसलमानों का नेता मानता है। भारत में शिया मुस्लिमों की तादात 2.9 करोड़ से 3.9 करोड़ के आसपास है। भारत से अधिक शिया मुसलमान केवल ईरान और पाकिस्तान में ही हैं। ईरान के नजदीक स्थिक इराक से भी ज्यादा शिया भारत में निवास करते हैं। माना जा रहा है कि खामेनेई हिंदी में अपना ट्विटर अकाउंट खोलकर भारतीय शियाओं को लुभाना चाहते हैं।
अमेरिका से तनाव के बीच भारत से चाहता है दोस्ती
अमेरिका से तनाव के बीच ईरान दुनियाभर में अपने समर्थक पैदा करना चाहता है। ऐसे में अगर भारत के शिया मुसलमान ईरान का समर्थन करते हैं तो भारत सरकार के ऊपर दबाव बन सकता है। वर्तमान समय में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंध हैं ऐसे में ईरान शिया आबादी के माध्यम से अपने हितों को साध सकता है।
खामेनेई ने पहला ट्वीट अल्लाह को किया समर्पित
खामेनेई ने हिंदी अकाउंट से पहला ट्वीट अल्लाह को समर्पित करते हुए किया। इससे यह प्रदर्शित होता है कि वे इस्लाम के नाम पर भारत के मुसलमानों के साथ जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि अल्लाह के नाम पर, जो बहुत दयालु है। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के संदेशों को लिखा।
खामेनेई ने दिल्ली दंगों में भारत की आलोचना की थी
खामेनेई ने 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में मुसलमानों की हत्याओं को लेकर भारत की सार्वजनिक निंदा की थी। ईरानी सर्वोच्च नेता ने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा भारत को इस्लाम की दुनिया से अलग कर रही है। भारत में मुसलमानों के नरसंहार पर दुनिया भर के मुसलमानों का दिल दुख रहा है। जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था।