हेडली को क्यों नहीं सौंपना चाहता अमेरिका?
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के दोषी को अमेरिका भारत को प्रत्यर्पित नहीं करेगा। वहीं, इस हमले के एक दूसरे मास्टरमांइंड को प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है। अमेरिकी अटॉर्नी ने राणा की दोबारा गिरफ्तारी के बाद कोर्ट को बताया कि हेडली अमेरिका की जेल मे 35 साल की सजा काट रहा है।
भारत के कहने पर राणा को दोबारा किया गिरफ्तार
डेविड कोलमेन हेडली के बचपन के दोस्त राणा को भारत के अनुरोध पर 10 जून को लास एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया था। भारत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में राणा की संलिप्तता के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। बता दें कि भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है। राणा की जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी।
हेडली और राणा ने मिलकर रची थी मुंबई हमले की साजिश
फेडरल प्रासिक्यूटर्स के मुताबिक 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने दाऊद गिलानी उर्फ हेडली के साथ मिलकर हमले की साजिश रची थी। इन दोनों आतंकियों ने लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की थी। बता दें कि पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली लश्कर का आतंकी है। वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है। वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है। इसलिए अमेरिका ने हेडली के प्रत्यर्पण से इनकार किया है।
राणा को प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर जल्द सुनवाई संभव
अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारत का अनुरोध अभी दर्ज नहीं किया है हालांकि वह जल्द ही कर सकता है। यह साफ है कि इलिनोइस की अदालत में राणा पर जिन आरोपों पर मुकदमा चलाया गया, वे और भारत की शिकायत में लगाए गए आरोप अलग होंगे। राणा ने अपने बचाव में कहा है कि सह-साजिशकर्ता हेडली को प्रत्यर्पित नहीं करने का अमेरिका का फैसला असंगत है और उसके प्रत्यर्पण को भी रोकता है।
इस कारण हेडली को नहीं सौंपेगा अमेरिका
सहायक अमेरिकी अटॉर्नी जे. ललेजियान ने लास एंजिलिस की संघीय अदालत में शुक्रवार को कहा कि राणा के विपरीत हेडली ने हमलों में अपनी लिप्तता तुरंत स्वीकार कर ली थी और सभी आरोपों में दोष भी स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा कि इसलिए हेडली का भारत प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा। राणा ने न तो दोष स्वीकारा और न ही अमेरिका के साथ सहयोग किया इसलिए उसके साथ परिस्थिति अलग है। इसलिए उसे वह लाभ नहीं मिल सकते जो हेडली को दिए गए।