कराची क्रैश: कोरोना पर चर्चा कर रहे थे पायलट्स
पिछले महीने कराची में भयानक दुर्घटना का शिकार हुए PIA के प्लेन के पायलट्स को देश के उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने क्रैश के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने संसद में पायलट्स के अतिआत्मविश्वास और ध्यान की कमी की बात कही है और बताया है कि पायलट अलर्ट नहीं थे और वे फ्लाइट के दौरान कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे। इस हादसे में 97 लोगों की मौत हो गई थी।
कोरोना वायरस पर कर रहे थे चर्चा
सरवर खान ने कहा है कि पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल, दोनों ने ही नियमों का पालन नहीं किया। पायलट ने ATC के निर्देशों को नजरअंदाज किया और ATC ने पायलट को इंजन की टक्कर के बारे में नहीं बताया। मंत्री ने कहा है कि पायलट फ्लाइट के दौरान कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे और कैसे उनके परिवारों पर इसका असर पड़ा था। उनका ध्यान नहीं लगा था। जब कंट्रोल टावर ने उनसे प्लेन की ऊंचाई बढ़ाने को कहा तो उन्होंने कहा कि वह मैनेज कर लेंगे।
‘केबिन-क्रू और ATC भी जिम्मेदार’
खान ने कहा कि वे अतिआत्मविश्वास में थे। सरवर ने कहा कि केबिन क्रू और ATC भी हादसे के लिए जिम्मेदार थे और जो लोग जिम्मेदार थे उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने एक साल में जांच पूरी किए जाने का आश्वासन दिया है। सरवर ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में तकनीकी खराबी की बात सामने नहीं आई है और पायलट ने अपनी बातचीत में ऐसा कुछ नहीं कहा है। उन्होंने बताया कि प्लेन में बातचीत की रिकॉर्डिंग को फाइनल रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
40% पायलट्स होते हैं फर्जी
मंत्री ने यहां तक कहा है कि 40% पायलट्स के पास फर्जी लाइसेंस होते हैं। उन्होंने कहा कि इन पायलट्स ने न कभी एग्जाम दिया होता है और न इनके पास प्लेन उड़ाने का सही अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पायट्स की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर होती है। उन्होंने बताया कि 4 PIA पायलट्स की डिग्री फर्जी पाई गई है और नियुक्ति के वक्त मेरिट को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
तेज स्पीड, ऊंचाई के बावजूद दी इजाजत
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया है कि रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार विमान जब उतरने की कोशिश कर रहा था तब इसके 9,000 मीटर लंबे रनवे पर जमीन को छुआ। वहीं हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष ने अधिक गति और ऊंचाई होने के बावजूद विमान को उतरने की अनुमति दी। पायलट ने भी लैंडिंग गियर के जाम होने की सूचना नियंत्रण टावर को नहीं दी। पायलट का विमान को दोबारा उतारने की कोशिश करना गलत फैसला था।
‘दोनों इंजन खराब हुए’
रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार विमान उतारने की कोशिश नाकाम होने के बाद 17 मिनट तक वह हवा में उड़ता रहा, यह बहुत अहम समय था जब विमान के दोनों इंजन ने काम करना बंद कर दिया। यह भी कहा गया है कि पीआईए विमान का इंजन 12 घंटे तक हवाई पट्टी पर रहा लेकिन कर्मचारियों ने उसे नहीं हटाया और बाद में अन्य विमान को वहां पर उतरने की अनुमति दे दी, जो मानक परिचालन प्रक्रिया का उल्लंघन है।