कोरोना से पस्त नेपाल, चीन से मंगा रहा 'जासूसी' कार

कोरोना से पस्त नेपाल, चीन से मंगा रहा 'जासूसी' कार
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काठमांडू
नेपाल में कोरोना वायरस ने हालात बेहद खराब कर रखे हैं और आम जनता बेहतर इंतजाम की मांग करते हुए सड़कों पर उतर चुकी है। बावजूद इसके देश के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए चीन की कंपनी से 5 करोड़ के सर्विलांस वीइकल लाने की तैयारी की जा रही है। ने यह ‘जरूरत’ ऐसे समय में बताई है जब उसके खुद के पुलिसकर्मी जमीन पर बिना PPE, दस्तानों और मास्क के मुस्तैद हैं। इस कदम का देश की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने विरोध किया है।

दो कंपनियां की गईं शॉर्टलिस्ट
नेपाल के एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक नेपाल पुलिस हेडक्वॉर्टर्स ने इस वीइकल को खरीदने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ नेपाल पुलिस ठाकुर ग्यावली ने संबंधित विभाग को इसके लिए निर्देश दिए हैं। हुवावे की नेपाली प्रतिनिधि हनी इंटरप्राइज और मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को इसके लिए शॉर्टलिस्ट किया है। पीएम के आइटी एक्सपर्ट असगर अली की सलाह पर अब यह प्रक्रिया अपने आखिरी चरण पर है।

बिना टेंडर चुनी गईं कंपनियां?
सूत्रों के मुताबिक यह वीइकल पीएम के काफिले में शामिल गाड़ियों का सर्विलांस करेगा। यह किसी भी हादसे की जानकारी कंट्रोल रूम तक वीडियो रिपोर्ट के जरिए पहुंचाएगा। बताया गया है कि नेपाल पुलिस के आइटी निदेशालय ने 2 मार्च को इसके लिए टेंडर बुलाए थे और 21 मार्च को नीलामी से पहले मीटिंग की थी लेकिन फिर प्रक्रिया रोक दी गई। ऐसी ही मीटिंग 2 मई और 3 जून को भी पोस्टपोन की गई लेकिन 17 जून को दोनों कंपनियों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया।

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी सरकार
नेपाली कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया है और इसके प्रतिनिधि मिनेंद्र राजल ने सवाल किया है कि क्या सरकार के पास बजट खर्च करने के लिए कोई और जगह नहीं बची है। गौरतलब है कि
लंबे वक्त से भ्रष्टाचार के आरोप झेल रही है। काठमांडू में छात्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने उतर चुके हैं और कोरोना वायरस महामारी की स्थिति से निपटने की अयोग्यता के लिए सरकार की आलोचना भी की जा रही है।


कोरोना को लेकर योग्यता पर सवाल
छात्रों ने आरोप लगाया है कि सरकार में कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने की योग्यता नहीं है और बुरी तरह झेल रहे स्थानीय बिजनस को सहारा देने और अहम कदम उठाने की बेहद कमी है। युवाओं ने कहा है कि सरकार बेरोजगारी खत्म करने के लिए भी कोई कदम नहीं उठा रही है और आम आदमी का सम्मान गिरता जा रहा है। काठमांडू के बनेश्वर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समूहों ने सरकार कोरोना को लेकर ज्यादा जिम्मेदार होने की मांग की थी।

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