प्रत्यर्पण रोकने को माल्या ने की आखिरी कोशिश!
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने सोमवार को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश के खिलाफ ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की इजाजत मांगी है। दो सप्ताह पहले ही लंदन के हाई कोर्ट ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी। माल्या पर भारत में धोखाधड़ी और से संबंधित केस दर्ज हैं।
माल्या (64) के पास लंदन हाई कोर्ट से ऑर्डर आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका की इजाजत लेने के लिए 14 दिन का वक्त था। हाई कोर्ट का जजमेंट 20 अप्रैल को आया था। माल्या ने निचली अदालत वेस्टमिनस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट के प्रत्यर्पण के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। यह आदेश ब्रिटिश गृह मंत्रालय से सर्टिफाइड है।
प्रत्यर्पण के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व कर रही यूके क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रवक्ता ने भी माल्या की तरफ से याचिका मिलने की पुष्टि की है। इसने बताया, ‘याचिका दायर कर दी गई है। हमारे पास जवाब के लिए 14 मई तक का वक्त है।
यह था हाई कोर्ट का ऑर्डर
रॉयल कोर्ट में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इविन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग की दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। माल्या के खिलाफ भारत में 9000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। जजों ने कहा कि हम यह मानते हैं कि एडीजे यानी सीनियर डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा पाए गए आरोप कुछ मामलों में भारत की तरफ (सीबीआई और ईडी) से लगाए गए आरोपों से ज्यादा व्यापक हैं, लेकिन सात ऐसे महत्वपूर्ण मामलों में संयोगवश आरोप भारत में लगाए गए हैं।