चीन को फिर याद आई थियाननमेन की घटना
चीन में एक आंतरिक रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कोरोना वायरस संकट के बीच पेइचिंग को व्यापक वैश्विक विरोध का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और अमेरिका के रिश्ते बदल सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के रिश्ते का सबसे खराब दौर यह हो सकता है कि वे युद्ध के मुहाने पर खड़े हो सकते हैं लिहाजा चीन को तैयार रहना चाहिए।
यह रिपोर्ट पिछले महीने ही सुरक्षा मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित वरिष्ठ नेताओं के सामने पेश किया गया था। इसमें यह निष्कर्ष रखा गया है कि चीन विरोधी वैश्विक भावना 1989 के थियाननमेन स्क्वायर के प्रदर्शन से भी ज्यादा है। इसमें कहा गया है कि चीन को अमेरिका नेतृत्व में वैश्विक विरोध की लहर का सामना करना पड़ रहा है।
यह रिपोर्ट सुरक्षा मंत्रालय के थिंक टैंक चाइनीज इंस्टिट्यूट ऑफ कंटेम्प्ररी इंटरनैशनल रिलेशंस (CICIR) द्वारा तैयार की गई है। रॉयटर्स के मुताबिक, इसने रिपोर्ट तो नहीं देखी है लेकिन इस रिपोर्ट से अवगत लोगों ने बताया है। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर रॉयटर्स को बताया, ‘मेरे पास संबंधित मामले की जानकारी नहीं है।’
थियाननमेन स्क्वायर प्रदर्शन
30 साल पहले थियानमेन चौराहे पर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर 4 जून 1989 को टैंकों और सैनिकों ने बेरहमी से हमला किया था। पिछले साल इस घटना की 30वीं बरसी पर चीन में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस बरसी से पहले तमाम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और और देश भर में इंटरनेट पर सेंसरशिप लागू कर दी गई थी।
ब्रिटिश पुरालेख ने दावा किया है कि जून 1989 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर चीनी सेना की कार्रवाई में कम से कम 10,000 आम लोग मारे गए थे। चीन में तत्कालीन ब्रिटिश राजदूत एलन डोनाल्ड ने लंदन भेजे गए एक टेलीग्राम में कहा था, कम से कम 10,000 आम नागरिक मारे गए हैं। घटना के 28 साल बाद यह दस्तावेज सार्वजनिक किया गया था। यह दस्तावेज ब्रिटेन के नैशनल आर्काइव्ज में मिला है।