पाक की बदहाली देख TV पर रोने लगा मौलाना
वह टीवी प्रोग्राम में जार-जार रो रहे हैं, उनके आंसू बह रहें और उन्हें लगता है सुध ही नहीं। यह हैं पाकिस्तान के शीर्ष मौलवी मौलाना तारिक जमील जो कोरोना वायरस के कब्जे में फंसे पाकिस्तान की बदहाली पर टीवी प्रोग्राम में ही रोने लग जाते हैं औऱ अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह सबकुछ ठीक कर दे। मौलाना कहते हैं कि अमेरिका के डॉक्टर के पास तक इलाज नहीं तो हमारे यहां के पुराने अस्पतालों में क्या इलाज हो पाएगा। वह बार-बार हाथ उठाकर अल्लाह से रहम की भीख मांगते हैं।
बदहाल अस्पताल पर फफके मौलाना
तारिक जमील उस वक्त आलोचनों के केंद्र में आ गए थे जब उन्होंने कहा था कि महिलाओं द्वारा कम कपड़े पहनने से नाराज होकर अल्लाह ने कोरोना भेजा है। अब उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि हमारा दुख यह नहीं है कि कोरोना है, हमारा दुख यह है कि इल्लाह का सबसे बड़ा इबादतगाह (मक्का) बंद है।
पाकिस्तान की खास्ता हालात के संदर्भ में वह कहते हैं, ‘या अल्लाह हमारे पास तो इलाज भी नहीं है।हमारे पास तो अस्पताल भी बर्बाद हैं। अमेरिका के डॉक्टर भी अप्रशिक्षित हैं तो हमारे डॉक्टर क्या करेंगे। पाकिस्तान के पुराने-पुराने अस्पताल क्या करेंगे। आ जा अल्लाह, आ जा अल्लाह। तू कहता है कि अरब आ जा। मैंने फतवा भी झेल लिया, लेकिन मैं कहूंगा कि तू आ जा। तमाम धर्म के लोगों की मदद कर, हर मजहब के लोग भाई ही तो हैं। सभी आदम की औलाद हैं। इस आफत को खत्म कर दे अल्लाह। हमारे यहां तो दवाई , अस्पताल नहीं हैं। 70 फीसदी आबादी गांव में रहती है।’
कोरोना नहीं, मस्जिद बंद होने से दुखी
मौलाना तारिक ने कहा, ‘करोडो़ं लोग, करोड़ बुजुर्ग, माएं, बच्चे तेरे दरबार में फकीर बनकर बैठे हैं। सारे बादशाह फकीर बने हुए हैं। तेरे दरबार में जितनी फकीर आते हैं तू उतना खुश होता है। लोग जितनी जिद्द करते हैं तू उतना खुश होता है।’
मौलाना आगे कहते हैं, ‘हमारा सबसे बड़ा दुखड़ा यह नहीं है कि कोरोना है। हमारा सबसे दुखड़ा यह है कि तेरा इबादतगाह बंद है। कोरोना से मरकर तो शाहदत ही मिलेगी न लेकिन तेरे महबूब के दरबार में सलाम करने वाला कोई नहीं रहेगा। मेरा मालिक ये क्या हो गया। ये क्या हो गया? ‘ इतना कहते कहते हुए जोर जोर से रोने लगते हैं और दुआओं में बार-बार उनके हाथ उठने लगते हैं। उन्हें सुध ही नहीं रहता कि वह एक टीवी चैनल से बातचीत कर रहे हैं।