'कोरोना से ठीक लोगों में भी संक्रमण का खतरा'
जिनेवा
डब्ल्यूएचओ पर अमेरिका जिम्मेदारी पूरी न करने और सही सुझाव न देने के आरोप लगाता रहा है और अब हालत यह है कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था हर दिन कोरोना को लेकर नए-नए अलर्ट जारी कर रही है जिसने लोगों के अंदर डर बिठा दिया है। अब स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि ठीक हुए लोग फिर बीमार नहीं हो सकते। दुनियाभर में 6 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट से बाहर आ गए हैं। ऐसे में डब्ल्यूएचओ का बयान उन्हें परेशान कर सकता है।
डब्ल्यूएचओ पर अमेरिका जिम्मेदारी पूरी न करने और सही सुझाव न देने के आरोप लगाता रहा है और अब हालत यह है कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था हर दिन कोरोना को लेकर नए-नए अलर्ट जारी कर रही है जिसने लोगों के अंदर डर बिठा दिया है। अब स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि ठीक हुए लोग फिर बीमार नहीं हो सकते। दुनियाभर में 6 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट से बाहर आ गए हैं। ऐसे में डब्ल्यूएचओ का बयान उन्हें परेशान कर सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया, ‘फिलहाल ऐसे कोई सबूत नहीं है कि जो लोग कोविड19 महामारी से ठीक हो गए हैं और उनके शरीर में ऐंटीबॉडीज हैं वे दूसरी बार संक्रमित होने से बच जाएंगे।’ उल्लेखनीय है कि इससे पहले डब्ल्यूएचओ चीफ ने दावा किया था कि कोरोना अभी अपना और भयंकर रूप दिखाने वाला है और यह हमारे साथ लंबे वक्त तक रहेगा। उन्होंने यह बात कुछ देशोंं में लॉकडाउन को दी जा रही ढील को देखते हुए कही थी।
डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर भी सरकारों को आगाह करते हुए कहा कि वे ठीक हो गए लोगों को इम्युनिटी पासपोर्ट और रिस्क फ्री सर्टिफिकेट न बांटें, क्योंकि वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं इसकी कोई गारंटी नहीं है। दरअसल, यह चेतावनी इसलिए जारी की गई है क्योंकि इसकी संभावना है कि जिनकी सेहत सुधर गई है वो वायरस को लेकर एहतियाती कदम उठाना बंद कर सकते हैं।