बोलने की अनुमति नहीं मिली तो मायावती ने दिया तीन पन्नों का इस्तीफा

बोलने की अनुमति नहीं मिली तो मायावती ने दिया तीन पन्नों का इस्तीफा
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नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि खबरों के अनुसार इस बात की संभावना कम ही है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए। इसके पहले भी कुछ राज्यसभा सांसदों ने इस्तीफा दिया था जिन्हें नामंजूर कर दिया गया। इस्तीफा देने वाले इन लोगों में भगोड़ा विजय माल्या और नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं।

दरअसल मंगलवार को राज्यसभा में मायावती उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई दलित विरोधी हिंसा पर वह सदन में बोलना चाहती थीं, लेकिन उन्हें तीन मिनट से ज्यादा इसकी अनुमति नहीं मिली। इस पर बिफरीं माया ने सदन में ही इस्तीफा देने की धमकी दी और वाकआउट कर गईं।

इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने शाम में राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से मिलकर अपना तीन पेज का इस्तीफा सौंप दिया। जहां एक तरफ इसे मायावती का सियासी दांव माना जा रहा है वहीं सिमटते वोट बैंक को बचाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

लालू ने दिया बिहार से राज्यसभा भेजने का ऑफर

जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने बसपा सुप्रीमो मायावती का राज्यसभा से इस्तीफे का पुरजोर समर्थन करते हुए उन्हें राजद की ओर से फिर राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है। लालू ने कहा- एक दलित की बेटी को बोलने नहीं दिया गया। मायावती दलितों की आवाज हैं। देश में वह दलितों की बड़ी नेता हैं और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश हुई है। मैं पूरे देश में इसके खिलाफ आवाज उठाऊंगा।

उन्होंने कहा- “हम मायावती के साथ हैं। अगर वह चाहेंगी तो हम उन्हें राज्यसभा भेजेंगे। किसी भी व्यक्ति को कहीं से राज्यसभा भेजा जा सकता है।” लालू ने कहा कि आज देश में आपातकाल जैसे हालात हैं। भाजपा अहंकार में डूबी हुई है। आज का दिन इतिहास के पन्नों में काले अक्षरों में दर्ज होगा।

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