भारत बना वन नेशन वन टैक्स वाला देश, लागू हुआ जीएसटी

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नयी दिल्ली : देश में शुक्रवार की आधी रात से जीएसटी की शुरुआत होने पर  भारत दुनिया के उन कुछ गिने चुने देशों में शामिल हो गया, जिनमें राष्ट्रीय स्तर पर एक बिक्री कर लागू है. जीएसटी के अस्तित्व में आने से केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले एक दर्जन से अधिक कर समाप्त हो जायेंगे. उनके स्थान में केवल जीएसटी लगेगा.

संसद के केंद्रीय कक्ष में शुक्रवार की देर रात ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को देश के सभी लोगों की साझी विरासत बताया. उन्होंने कहा कि यह किसी एक दल या सरकार की सिद्धि नहीं है. यह सभी के प्रयासों का नतीजा है. उन्होंने कहा, जीएसटी का मतलब है – गुड एंड सिंपल टैक्स.
जीएसटी को सहकारी संघीय ढांचे की मिसाल बताया और कहा कि यह इस  बात का प्रतीक है कि टीम इंडिया की एकजुटता का क्या परिणाम हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसी की भी या कहीं की भी सरकार हो, लेकिन सभी ने जीएसटी  में आम लोगों के हितों का ध्यान रखा है. जिन-जिन लोगों ने इस प्रक्रिया को  आगे बढ़ाया, मैं उन सभी को बधाई देता हूं.

मोदी ने कहा कि जीएसटी के अस्तित्व में आने से गंगानगर से लेकर ईटानगर, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तक वन नेशन, वन टैक्स. हमारा यह सपना आज साकार हो रहा है. आज टैक्सों के जाल से लोगों को मुक्ति मिल रही है. एल्बर्ट आइस्टिन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था-दुनिया में कोई चीज समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है, वो है इनकम  टैक्स. आज मैं सोच रहा हूं कि वो इतना टैक्स देखकर आज क्या कहते? मोदी ने कहा कि कुछ देर बाद देश में जीएसटी लागू हो जायेगा. 17 सालों से ‘एक देश और एक टैक्स’ को लेकर जो कोशिशें की जा रही थी और वह अब भारतीय अर्थव्यवस्था के ऐतिहासिक पन्नों दर्ज होगा.

संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित  कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पूर्व  प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली मंच पर उपस्थित थे. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही.

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