किसानों के आग्रह पर मुख्यमंत्री चौहान ने उपवास तोड़ा

किसानों के आग्रह पर मुख्यमंत्री चौहान ने उपवास तोड़ा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हजारों किसानों के आग्रह पर आज यहाँ शांति बहाली के लिए चल रहे उपवास के दूसरे दिन अपना उपवास समाप्त किया। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी एवं बुजुर्ग किसान श्री मोतीलाल ने नारियल पानी पिलाकर उपवास तुड़वाया।

स्थानीय दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास का दूसरा दिन सुबह 11 बजे से महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन’ से शुरू हुआ। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में आये किसान मुख्यमंत्री के साथ उपवास में शामिल हुए। मुख्यमंत्री के समर्थन में केन्द्रीय नेता, प्रदेश मंत्रीमंडल के सदस्य, विधायक, विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारी भी उपवास पर बैठे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के नाम पर शांति भंग करने वालों ने राज्य को बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि किसानों के विरूद्ध किसी भी प्रकार का प्रकरण नहीं बनाया जाएगा, लेकिन ऐसे लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के नागरिकों की सेवा आखिरी साँस तक करते रहेंगे। कुछ लोग प्रदेश को आग में झोंकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे ऐसे तत्वों की पहचान करें और भविष्य में सतर्क रहें। असामाजिक तत्वों को शांति भंग न करने दें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की निजी सम्पत्तियों को नुकसान हुआ है उन्हें भी राहत दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2006 में बने स्वामीनाथन आयोग ने किसानों के लिये जो अनुशंसाएँ की थी उससे आगे बढ़कर मध्यप्रदेश ने काम किया है। स्वामीनाथन आयोग ने किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन देने की सिफारिश की थी, जबकि राज्य सरकार माइनस 10 प्रतिशत पर खाद-बीज के लिये उन्हें ऋण दे रही है।

शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती के लिये लोन दे रही है। किसानों के कल्याण के लिये स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों से भी आगे निकल गई है। स्वामीनाथन आयोग ने राज्यों से सिंचाई की व्यवस्था करने को कहा था। आज प्रदेश में 40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है। हर क्षेत्र के लिये सिंचाई योजनाएँ बनाई गई हैं। हर खेत में पानी है। नर्मदा के जल से मालवा और अन्य क्षेत्रों में पानी पहुँच रहा है।

आयोग की अनुशंसा के अनुरूप विलेज नॉलेज सेंटर बनाये जायेंगे ताकि किसानों को समय पर सलाह मिल सके। उन्होंने कहा कि बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए प्रदेश के सभी नगरों में किसान बाजार बनाए जाएंगे ताकि किसान अपनी उपज सीधे खरीदारों को बेच सकें।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य भूमि उपयोग परामर्श सेवा लागू की जाएगी ताकि किसानों को सही समय पर परामर्श मिले कि कौन सी फसल कितनी मात्रा में बोना चाहिए। किसी भी प्रकार से शहरी परियोजना के लिए कृषि भूमि जबरदस्ती अधिग्रहीत नहीं की जाएगी। किसानों की राय जरूरी है। किसानों को खसरा/खतौनी की नकल वर्ष में एक बार उनके घर नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.