‘कोर्ट के काम में तकनीक का हो इस्तेमाल’

‘कोर्ट के काम में तकनीक का हो इस्तेमाल’
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इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में न्यायपालिका की समस्याओं और चुनौतियों का जिक्र करते हुए नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया। साथ ही मोदी ने उम्मीद जताई कि उ.प्र. की योगी आदित्यनाथ सरकार जेल और कोर्ट को आपस में जोडऩे के लिए जरूरी कदम उठाएगी। प्र.म. ने कहा कि कानूनों के जंजाल को कम करने के लिए उनकी सरकार हर रोज कोई-न-कोई पुराने कानून खत्म कर रही है।
तकनीक का इस्तेमाल से बचेगा समय
प्र.म. ने कहा कि अदालतों और जेलों को अगर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ दिया जाए तो काफी समय बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा, जेल से कैदियों को अदालत लाना कितना मुश्किल है, यह सबको पता है। अब राज्य में योगीजी की सरकार आई है तो उम्मीद है कि यह सब बंद होगा। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अगर अदालत को कनेक्ट कर दिया जाए तो काफी पैसा बचेगा। एसएमएस से मुकदमों की तारीख मिले, इसकी भी कोशिश होनी चाहिए।
”कानूनों के बोझ को कम कियाÓÓ
प्र.म. ने कहा, हम कानूनों को जितना घटाएंगे, उससे न्याय व्यवस्था का बोझ उतना ही कम होगा और न्यायपालिका मजबूत होगी। बदलते युग में तकनीक का भी बड़ा अहम रोल है। तकनीक से चीजों में काफी सरलता आएगी। अब किसी मुकदमे के रेफरेंस के लिए किताबों को पढऩे के बजाए गूगल से जानकारी मिल जाती है। यह गुणात्मक बदलाव आया है। हर स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल करके हम शार्प बन सकते हैं। मोदी ने कहा, मैंने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम कितने कानून बनाएंगे यह तो नहीं कह सकते, लेकिन हर रोज एक कानून खत्म करेंगे इसकी गारंटी देता हूं। हमारी सरकार ने इस दिशा में कोशिश भी की और अभी तक करीब 1,200 कानून खत्म कर दिए गए हैं।
”कानून सबके लिए हो बराबरÓÓ
मोदी ने कहा, इलाहाबाद न्याय का तीर्थ क्षेत्र है। कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। हिन्दुस्तान की आजादी में देश के वकीलों का बड़ा योगदान रहा है। महापुरूषों की कहीं बातें जिंदगी का मकसद बनना चाहिए। न्यायपालिका में मुश्किलों में भारत के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के दर्द का जिक्र करते हुए प्र.म. ने कहा, चीफ जस्टिस के शब्दों की पीड़ा को मैं समझ रहा हूं। हम इसमें बदलाव करने की पूरी कोशिश करेंगे। हम चीफ जस्टिस के संकल्प के साथ हैं।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के बयान का किया जिक्र
प्र.म. ने आधुनिक अदालतों के लिए बेहतर तकनीक अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की 100 वीं वर्षगांठ में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के दिए भाषण को उद्धृत करते हुए कहा, 100 वीं वर्षगांठ के दौरान डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था, कानून एक ऐसी चीज है जो लगातार बदलती है, लेकिन यह लोगों के स्वभाव, मूल्यों के अनुकूल होना चाहिए। आधुनिक मूल्यों की चुनौतियों का भी ध्यान रखना चाहिए। कानून का मकसद अमीरों का नहीं, सभी लोगों का कल्याण होना चाहिए। यही कानून का लक्ष्य होना चाहिए। इसे पूरा करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि आज भी डॉ. राधाकृष्णन की कहीं बातें तर्कसंगत हैं और मौजूं हैं।
मोदी ने साथ ही 2022 में देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के लिए लोगों से संकल्प करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, अगर सब मिलकर प्रयास करेंगे तो इच्छित परिणाम लाने में सफल रहेंगे। हमें उस संकल्प को सिद्ध करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दें। ”न्यू इंडियाÓÓ का सपना पूरा करने का प्रयास करें।

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