टुकड़े-टुकड़े, पकौड़े, नदियों में शव…. चिदंबरम का मोदी को जवाब, NDA मतलब नो डेटा अवेलेबल

टुकड़े-टुकड़े, पकौड़े, नदियों में शव…. चिदंबरम का मोदी को जवाब, NDA मतलब नो डेटा अवेलेबल
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में जब ‘कांग्रेस न होती तो क्या होता’ पर एक के बाद एक कई संभावनाएं गिना दीं तो जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने उनकी सरकार को आंकड़ों के अभाव वाली सरकार बता दिया। दिग्गज कांग्रेसी नेता ने बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (NDA) को ” सरकार करार दे दिया। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग मामलों पर सरकार के जवाबों का हवाला दिया। चिदंबरम ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए ये बातें कहीं।

चिदंबरम का करारा जवाब
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को धन्यवाद दिया जाना चाहिए जिसके कारण वह राज्यसभा में बोल पा रहे हैं अन्यथा भारत सरकार के 1919 के कानून के अनुसार इसे ‘काउंसिल ऑफ प्रिंसेस’ कहा जाता। चिदंबरम ने कहा, ‘मैं टुकड़े टुकड़े गैंग का सदस्य हूं… मैं इससे निराश नहीं हूं। इसी संसद में प्रश्न किया गया था कि टुकड़े टुकड़े गैंग के कौन-कौन सदस्य हैं? तब माननीय मंत्री ने कहा था कि हमारे पास टुकड़े-टुकड़े गैंग के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।’ उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2021 को 8,72,243 सरकारी पद रिक्त थे और ‘सर्वशक्तिमान भारत सरकार ने 78,264 पदों को भरा एवं करीब आठ लाख पदों को खाली रहने दिया गया।’


NDA मतलब No Data Available

कांग्रेस नेता ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, नदियों में बहने वाले शवों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, कितने प्रवासी अपने घरों तक पैदल चल कर गये, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जो काम 2022 में किया जाना था। चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार ‘नो डाटा एवेलेबल (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है) सरकार यानी एनडीए सरकार है।’

राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर तंज
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्री ने 6.8 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को इसके लिए उन्होंने आगाह भी किया था, लेकिन वित्त मंत्री ने तब कहा था कि हम इससे बेहतर करेंगे। चिदंबरम ने कहा कि वास्तव में यह 6.9 प्रतिशत रहा। चिदंबरम ने कहा कि विनिवेश के लिए एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि वो सरकार के आभारी हैं कि इस लक्ष्य में मात्र 75 हजार करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए।


एयर इंडिया के लोन पर सवाल

उन्होंने कहा कि 2021-22 के बजट अनुमान में 5,54,236 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) रहने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय से विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमान एक सुखद आश्चर्य के रूप में आया जिसमें इसे बढ़ाकर 6,02,711 करोड़ रुपये बताया गया। उन्होंने कहा कि इसमें एयर इंडिया के एकबारगी ऋण भुगतान (Loan Payment) के लिए दी गई 51,971 करोड़ राशि शामिल थी। उन्होंने सवाल किया कि एयर इंडिया को दी गई राशि पूंजीगत व्यय कैसे हो सकती है? उन्होंने सरकार के पूर्व बजट में कुछ ट्रेनों के निजीकरण सहित कई घोषणाओं पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि इन संबंध में कुछ नहीं किया गया।

चिदंबरम ने समझाई थ्री W की नीति
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की नीति तीन डब्ल्यू पर आधारित हैं अर्थात वर्क (कार्य), वेलफेयर, (कल्याण) और वेल्थ (संपत्ति)। उन्होंने कहा कि हम संपत्ति के निर्माण के विरुद्ध नहीं हैं किंतु वर्क यानी नौकरियां भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था और सरकार को हमें (संसद) को यह बताना चाहिए कि कितनी नौकरियां सृजित की गई?


रोजगार पर ‘पकौड़े तलेंगे’ वाला तंज

कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट भाषण में गति शक्ति के जरिए पांच साल में 60 लाख रोजगार सृजित करने की बात की गई है यानी एक वर्ष में 12 लाख। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ष वर्क फोर्स में 49.5 लाख लोग नए जुड़ जाते हैं। उन्होंने पूछा कि यदि केवल 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे तो बाकी लोग क्या ‘पकौड़े तलेंगे?’ उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े देते हुए कहा कि सरकार विकास की तेज रफ्तार की बात कर रही है किंतु आंकड़े देखकर सवाल उठता है कि देश का विकास क्या वहीं पहुंचने के लिए हो रहा है जहां से हमने शुरू किया था।

बजट आवंटनों पर आपत्ति
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल में देश ने लाखों नौकरियां गंवाई और 60 लाख एमएसएमई बंद हुए। उन्होंने कहा कि परिवारों की आय और प्रति व्यक्ति आय में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एवं अन्य वस्तुओं पर सब्सिडी घटा दी गई। उन्होंने कहा कि कल्याण को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया, काम दिया नहीं जा रहा है और सरकार संपत्ति बनाने की बात करती है। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति किसके लिए बनायी जा रही है, उन चंद अरबपतियों के लिए जिनकी संपत्ति लगातार बढ़ती ही जा रही है।


गरीबों को भूल गई मोदी सरकार: चिदंबरम

चिदंबरम ने कहा, ‘यह सरकार गरीबों को भूल गई है। बजट में केवल दो बार गरीब शब्द का इस्तेमाल किया गया। नौकरी शब्द का इस्तेमाल केवल तीन बार किया गया। एक नाम छह बार लिया गया और मैं वित्त मंत्री को बधाई देते हूं कि वह अपने प्रधानमंत्री के प्रति निष्ठावान रहीं।’ उन्होंने सरकार को आगाह किया, ‘आप गरीबों को भूल गए किंतु गरीब आपको नहीं भूलेंगे उनकी स्मृति बहुत लंबी होती है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने बोला था हमला
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला।
कि महात्मा गांधी की इच्छा के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को 1947 में भंग कर दिया गया होता तो देश आज कई संकटों से बच जाता। महात्मा गांधी ने देश को आजादी मिलने के बाद इच्छा जताई थी कि अब कांग्रेस को भंग कर दिया जाए क्योंकि इसका गठन ही भारत को ब्रिटेन की गुलामी से मुक्त करवाना था।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.