34 महीनों बाद किसी ट्रेन हादसे में मारे गए यात्री, रेल मंत्रालय में हड़कंप
रेलवे ने करीब 34 महीनों बाद किसी हादसे में यात्री की मौत दर्ज की है। पश्चिमब बंगाल के जलपाईगुड़ी में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की 12 बोगियां पटरी से उतर गई। इस हादसे में कम से कम 7 यात्रियों के मारे जाने की खबर है। 50 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं। आखिरी बार किसी रेल हादसे में मौत 22 मार्च, 2019 को दर्ज की गई थी।
रेल मंत्री भी जलपाईगुड़ी रवानाहादसे की सूचना मिलते ही रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके त्रिपाठी और डायरेक्टर जनरल (सेफ्टी) घटनास्थल के लिए निकले। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी हालात का जायजा लेने जलपाईगुड़ी रवाना हो गए हैं। रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये और सामान्य चोटों वाले यात्रियों के लिए 25 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
ट्रेन में थे करीब 1200 यात्रीराजस्थान के बीकानेर से चली गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस 15633 (यूपी) गुरुवार शाम करीब 5.15 बजे जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी के पास पटरी से उतर गई। यह ट्रेन पटना होते हुए असम के गुवाहाटी जा रही थी। मयनागुड़ी ट्रेन के 34 स्टॉपेज की सूची में नहीं था। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 12 में से 4 कोच पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।सूत्रों के अनुसार, ट्रेन में लगभग 1,200 यात्री सवार थे।
प्रधानमंत्री ने रेल मंत्री से की बातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेन हादसे के सिलसिले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेन हादसे के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
करीब तीन साल दुरुस्त रहा रिकॉर्डपिछले साल फरवरी में, तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सभा को बताया था कि 22 मार्च, 2019 के बाद से रेल हादसों में किसी यात्री की जान नहीं गई है। वैष्णव ने भी पिछले साल जुलाई में राज्य सभा को बताया कि 2019-20 और 2020-21 के दौरान किसी रेल यात्री की मौत नहीं हुई। उससे पहले, 2018-19 में रेलवे ने 16 मौतें दर्ज की थीं। 2019-20 में जीरो मौत की उपलब्धि को रेलवे के 166 साल के इतिहास में पहली ऐसी उपलब्धि कहा गया था।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स